आरसी फर्जीवाड़ा : बिचौलिए रामनिवास से गाड़ियों की बरामदगी कराने हिसार लेकर पहुंची एसआइटी
आरसी फर्जीवाड़ा में गिरफ्तार किए गए बिचौलिए रोहतक निवासी रामनिवास को रोहतक ले गई।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : आरसी फर्जीवाड़ा में गिरफ्तार किए गए बिचौलिए रोहतक निवासी रामनिवास को लेकर एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) हिसार पहुंची। यहां पर कुछ गाड़ियों का पता लगा है। जिनकी बरामदगी के लिए पुलिस की टीम लगी हुई है। पूछताछ में सामने आया था कि आरोपित रामनिवास 250 से 300 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन फर्जी तरीके से कराया था। डीलर व आरोपित कर्मियों के बीच सांठगांठ वह कराता था। जिसके बदले में वह दस से 15 हजार रुपये प्रति गाड़ी के हिसाब से लेता था। इस तरह से आरोपित ने कई जिलों की गाड़ियों के यहां जगाधरी से रजिस्ट्रेशन कराए। एसआइटी के सदस्य इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि आरोपित रामनिवास अभी रिमांड पर है। उससे गाड़ियों की बरामदगी कराई जा रही है।
यह था मामला :
सिरसा पुलिस ने कई माह पहले डीलर सुनील चिटकारा को गिरफ्तार कर आरसी फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश किया था। इसकी जांच जगाधरी एसडीएम कार्यालय तक पहुंची। यहां से सिरसा पुलिस ने रिकार्ड जुटाया। इसके साथ ही तत्कालीन एसडीएम दर्शन कुमार ने यहां सेक्टर 17 थाने में कंप्यूटर आपरेटर अमित के साथ तीन अन्य कर्मियों पर केस दर्ज कराया था। वहीं बाद में इसी तरह का फर्जीवाड़ा बिलासपुर एसडीएम कार्यालय में भी सामने आया। इसमें भी कंप्यूटर आपरेटर अमित पर केस दर्ज हुआ था। बाद में स्थानीय स्तर पर एसआइटी बनी। जिसने केस की जांच शुरू कर दी थी। इस बीच आरोपित अमित ने सिरसा पुलिस को सरेंडर कर दिया। वहां पर उसे करीब दस दिन की रिमांड पर रखा गया था। बाद में स्थानीय एसआइटी अमित को रिमांड पर लिया। बिलासपुर व जगाधरी के दोनों केसों में उसे रिमांड पर लिया गया। इसके साथ ही जगाधरी में तैनात एमआरसी राजेंद्र डांगी, बिलासपुर में तैनात एमआरसी संजीव व डीलर रोहतक निवासी सुनील को भी गिरफ्तार किया था। उनकी निशानदेही पर कुछ गाड़ियों भी रिकवर की गई थी। इसके बाद से ही मामले की जांच चल रही है।