22 करोड़ के कार्यो में घालमेल की बू, पूरे हो चुके कार्यों को भी किया शामिल, सीएम विडो पर पहुंचा मामला

69 कालोनियों में विभिन्न कार्यो के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू हुई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 05:20 AM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 06:17 AM (IST)
22 करोड़ के कार्यो में घालमेल की बू, पूरे हो चुके कार्यों को भी किया शामिल, सीएम विडो पर पहुंचा मामला
22 करोड़ के कार्यो में घालमेल की बू, पूरे हो चुके कार्यों को भी किया शामिल, सीएम विडो पर पहुंचा मामला

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

69 कालोनियों में विभिन्न कार्यो के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इनमें सड़कें, गलियों व नालियों का निर्माण कार्य शामिल है। टेंडर लगने से पहले ही मामला सीएम विडो पर चला गया है। आरोप है कि 69 कालोनियों में उन कालोनियों को भी शामिल किया गया है जिनमें दूसरी ग्रांट से पहले ही कार्य हो चुके हैं। 20 नंबर वार्ड में ऐसी तीन कालोनियां शामिल हैं। आरोप है कि यदि सभी वार्डों की जांच की जाए तो करीब सात करोड़ के काम ऐसे सामने आएंगे जो पूरे हो चुके हैं। वार्ड-20 से पूर्व पार्षद व पार्षद प्रतिनिधि नीरज राणा ने सीएम विडो पर शिकायत देकर मामले की जांच किए जाने की मांग की है।

33 फीसद काम हो गया

शिकायतकर्ता के मुताबिक 69 कालोनियों में अन्य ग्रांट से 33 फीसद काम हो चुके हैं। अधिकांश काम गलियों के निर्माण से संबंधित हैं। उनके वार्ड में अमरपुरी, शिव नगर व आर्यनगर में 75 लाख रुपये के काम हो चुके हैं। सूत्रों से जानकारी मिलने के बाद उन्होंने इसकी जांच की। इस दौरान पाया गया कि इन कालोनियों में हुए कार्यों को टेंडर में शामिल किया हुआ है। आरोप है कि अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए यह खेल खेला जा रहा है। यह सरासर पैसे का दुरुपयोग है। इसकी गहनता से जांच की जानी चाहिए। गली वाइज लगें टेंडर

सीएम मनोहर लाल ने इन 69 कालोनियों को नियमित किया था। लंबा समय बीत जाने के बावजूद इन कॉलोनियों में विकास कार्य शुरू नहीं हो पाए। अधिकारियों ने पहले सिंगल टेंडर लगाया। पार्षदों के विरोध के बाद टेंडर टुकड़ों में जरूर लगे, लेकिन कई भागों में करोड़ से लेकर ढाई करोड़ रुपये तक के टेंडर लगाने की प्रक्रिया चल रही है। यह टेंडर गली वाइज होने चाहिए। केवल उन्हीं गलियों को शामिल किया जाना चाहिए जिनमें काम नहीं हुआ है।

इनसेट ये हैं मौजूदा हालात जिन कालोनियों को नियमित किया गया है, फिलहाल उनमें मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। सड़के कच्ची पड़ी हैं। पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। अधिकांश में पेयजल व स्ट्रीट लाइट भी नहीं है। थोड़ी सी बारिश होने पर गलियां जलमग्न हो जाती हैं। घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। इनमें अधिकांश कालोनी 25-30 वर्ष से बसी हुई हैं। इन कालोनियों की आबादी करीब डेढ़ लाख है। एक वर्ष से टेंडर लगाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन आज तक केवल टेंडर ही नहीं लग पाए। अभी ऐसी कोई शिकायत मुझे नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर मामले की जाएगी। नियमों के अनुरूप ही विकास कार्यों के लिए टेंडर लगाए जाते हैं। जो गलियां अन्य ग्रांट से बन चुकी हैं, उनको शामिल नहीं किया जाएगा।

आनंद स्वरूप, एसई, नगर निगम।

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