25 फीसद सवारी के साथ चलती रहेंगी रोडवेज बसें

लॉकडाउन लगने के बावजूद रोडवेज बसें चलती रहेंगी। परंतु बसें तभी चलेगी जब उस रूट पर सवारी मिलेगी। क्योंकि मुख्यालय से आदेश हैं कि किसी भी रूट पर खाली बस लेकर नहीं जानी है। यदि बस स्टैंड से ही सवारी मिलेगी तभी बस को चलाया जाएगा। जिस कारण लॉकडाउन के पहले दिन सोमवार को बसें तो चली लेकिन कम संख्या में। क्योंकि लॉकडाउन में लोग कहीं आने जाने के लिए बस स्टैंड पर कम संख्या में पहुंचे। सोमवार को दिल्ली के लिए केवल एक ही बस चल पाई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 09:05 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 09:05 AM (IST)
25 फीसद सवारी के साथ चलती रहेंगी रोडवेज बसें
25 फीसद सवारी के साथ चलती रहेंगी रोडवेज बसें

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : लॉकडाउन लगने के बावजूद रोडवेज बसें चलती रहेंगी। परंतु बसें तभी चलेगी जब उस रूट पर सवारी मिलेगी। क्योंकि मुख्यालय से आदेश हैं कि किसी भी रूट पर खाली बस लेकर नहीं जानी है। यदि बस स्टैंड से ही सवारी मिलेगी तभी बस को चलाया जाएगा। जिस कारण लॉकडाउन के पहले दिन सोमवार को बसें तो चली लेकिन कम संख्या में। क्योंकि लॉकडाउन में लोग कहीं आने जाने के लिए बस स्टैंड पर कम संख्या में पहुंचे। सोमवार को दिल्ली के लिए केवल एक ही बस चल पाई। बस चलाने के लिए करना पड़ा काफी इंतजार :

यमुनानगर बस स्टैंड पर सवारी के लिए चालक-परिचालकों को काफी इंतजार करना पड़ा। कई बसें तो ऐसी थी जिनमें बैठी दो-चार सवारियों को भी इनके चलने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। आदेश हैं कि बस में 52 सवारी न बिठाकर 50 फीसद सवारी को ही बिठाया जाए। इसलिए बसों में केवल 25 सवारी को ही बिठाने की अनुमति है। परंतु रोडवेज को 25 सवारी के लिए भी काफी इंतजार करना पड़ा। सवारियां कम होने के कारण बस स्टैंड पर भी सन्नाटा पसरा रहा। यमुनानगर बस स्टैंड प्रबंधक अमर सिंह बकाना ने बताया कि 50 फीसद सवारी के साथ ही बस चलाने की अनुमति है। लेकिन लॉकडाउन की वजह से सवारी कम आ रही है। आधा स्टाफ बुलाने की मांग :

आल हरियाणा परिवहन कर्मचारी संघ के डिपो प्रधान लिज्जा राम, चेयरमैन रोहित अंसल, वरिष्ठ उपप्रधान रघुबीर सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए प्रदेश सरकार के आदेशानुसार आम जनता व कर्मचारियों को सतर्क रहना चाहिए। जब सरकार बसों में 50 फीसद सवारियों को बिठा रही है तो रोडवेज कर्मचारियों को भी शिफ्ट में बुलाकर काम लेना चाहिए। इसलिए रोडवेज के 50 फीसद स्टाफ को ही ड्यूटी पर बुलाया जाए। ताकि कर्मचारी भी अपनी ड्यूटी करने के साथ-साथ आम जनता को भी इस महामारी से लड़ने और बचने के उपाय कर सके।

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