अवैध खनन व रिकार्ड की जांच करने पहुंची सीएम फ्लाइंग का दो जगहों पर छापा
अवैध खनन व रिकार्ड की जांच करने के लिए सीएम फ्लाइंग की टीम ने सोमवार को दो जगहों पर छापेमारी की। पहली छापेमारी दशमेश कालोनी में अकाउंटेंट विजय कुमार के दफ्तर पर की। टीम को सूचना मिली थी कि यहां पर खनन के फर्जी बिल बनाए जा रहे हैं। टीम ने दस्तावेज खंगाले। बताया जा रहा है कि मौके पर कोई भी आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिल सका। यहां कार्यालय में पांच कर्मचारी भी कार्य कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
अवैध खनन व रिकार्ड की जांच करने के लिए सीएम फ्लाइंग की टीम ने सोमवार को दो जगहों पर छापेमारी की। पहली छापेमारी दशमेश कालोनी में अकाउंटेंट विजय कुमार के दफ्तर पर की। टीम को सूचना मिली थी कि यहां पर खनन के फर्जी बिल बनाए जा रहे हैं। टीम ने दस्तावेज खंगाले। बताया जा रहा है कि मौके पर कोई भी आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिल सका। यहां कार्यालय में पांच कर्मचारी भी कार्य कर रहे थे। जिस पर लेबर विभाग से अधिकारियों को बुलाया गया। उन्होंने कर्मचारियों से संबंधित रिकार्ड मांगा, लेकिन कोई रिकार्ड नहीं मिला। सीएम फ्लाइंग टीम की छापेमारी इंस्पेक्टर रजनीश के नेतृत्व में हुई। इस कार्रवाई से खनन कारोबारियों में खलबली मची हुई है।
वहीं दूसरी छापेमारी गांव बेगमपुर में की। बेगमपुर में शामलात भूमि पर हुए अवैध खनन की जांच करने के लिए टीम पहुंची। यहां टीम को शामलात भूमि के लगभग दो एकड़ क्षेत्र में अवैध खनन के निशान मिले हैं। टीम ने मौके पर राजस्व विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया और रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। यहां पर खनन विभाग से निरीक्षक अमन, निरीक्षक रोहित, निरीक्षक अरुण व बलबीर भी मौके पर पहुंचे। राजस्व विभाग के पटवारी अंकुश, अशोक ने राजस्व विभाग के रिकार्ड में जांच कर सीएम फ्लाइंग के अधिकारियों को बताया कि जिस जगह में अवैध खनन हुआ है। वह शामलात भूमि है। यह फर्जीवाड़ा भी कर चुके है खनन कारोबारी :
दूसरे राज्यों से कच्चे माल की बोगस परचेज दिखाकर खनन कारोबारी फर्जीवाड़ा कर चुके हैं। माइनिग एंड जियोलाजी डिपार्टमेंट की टीम ने यह फर्जीवाड़ा पकड़ा था। 20 स्क्रीनिग प्लांट व छह स्टोन क्रशरों पकड़ में आए थे। कच्चे माल की बोगस खरीद कर क्रेशिग कर रहे संचालक पकड़ में आए। ई-रवाना पोर्टल का दुरुपयोग कर अवैध रूप से खनन सामग्री की बिक्री दिखाई गई। सरकार ने अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए ई रवाना शुरू किया था। इसके तहत साइट से माल जाने का पूरा रिकार्ड ई रवाना में भरना होगा। यह आनलाइन भरना पड़ता है। जब तक ई रवाना नहीं होगा, तब तक माल अवैध माना जाएगा। इसका भी तोड़ खनन करने वालों ने निकाल लिया और बोगस परचेज दिखाकर ई रवाना जारी कराए। कच्चे माल की बोगस परचेज आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, मेघालय, सिक्किम, असम, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, बिहार, जम्मू कश्मीर, चंडीगढ़, नागालैंड, पांडूचेरी, पश्चिमी बंगाल, मणिपुर, उड़ीसा प्रदेशों में दिखाई गई है। यह सभी प्रदेश हरियाणा से कई हजार किमी की दूरी पर पड़ते हैं। ऐसे में इन प्रदेशों से कच्चे माल का ई रवाना जारी करना अपने आप में सवाल उठाता है। हरियाणा प्रदेश की बात करें, तो यहां से हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड ही नजदीक पड़ता है।