निजी पेट्रोल पंप रहे सुनसान, सरकारी पर दिनभर लगी रही लाइनें

पेट्रोल पंपों की हड़ताल के कारण वाहन चालक काफी परेशान रहे। हालांकि 11 नवंबर को हड़ताल का एलान कर दिया गया था। लेकिन ऐसे वाहन चालकों की संख्या कम नहीं रही जिनके वाहन में डीजल या पेट्रोल खत्म होने पर परेशानी बढ़ गई। लोग एक पेट्रोल पंप से दूसरे तक भटकते रहे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Nov 2021 05:54 PM (IST) Updated:Mon, 15 Nov 2021 05:54 PM (IST)
निजी पेट्रोल पंप रहे सुनसान, सरकारी पर दिनभर लगी रही लाइनें
निजी पेट्रोल पंप रहे सुनसान, सरकारी पर दिनभर लगी रही लाइनें

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पेट्रोल पंपों की हड़ताल के कारण वाहन चालक काफी परेशान रहे। हालांकि 11 नवंबर को हड़ताल का एलान कर दिया गया था। लेकिन ऐसे वाहन चालकों की संख्या कम नहीं रही जिनके वाहन में डीजल या पेट्रोल खत्म होने पर परेशानी बढ़ गई। लोग एक पेट्रोल पंप से दूसरे तक भटकते रहे। जिले में कुल 176 पेट्रोल पंप हैं। इनमें 175 निजी व एक सरकारी पंप है। सरकारी पेट्रोल पंप पर तेल डलवाने वालों की भारी भीड़ रही। सड़क तक वाहनों की लाइनें देखी गई। बता दें कि जिले में प्रतिदिन करीब पांच हजार लीटर डीजल व दो हजार लीटर पेट्रोल की खपत है। शहर में एकमात्र इंडियन आयल का पेट्रोल पंप चालू रहा। यहां दिनभर वाहनों की कतारें लगी रही। जिसके चलते सामान्य दिनों से दोगुनी सेल बताई जा रही है। इसलिए रही हड़ताल :

आल कंपनी डीलर एसोसिएशन के पदाधिकारी रामेश्वर चौहान व देवेंद्र चावला के मुताबिक हर बार केंद्र सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर जो वैट या एक्साइज ड्यूटी घटाती थी। उससे जो नुकसान होता था उसे पेट्रोलियम कंपनियां खुद वहन करती थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल में 10 से 12 रुपये वैट व एक्साइज ड्यूटी घटाई। यह सारा नुकसान पेट्रोल पंप संचालकों पर डाल दिया गया है। सरकार के इस निर्णय से जिले के व्यवसायियों को 25 से 30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दूसरा, पेट्रोल पंप संचालकों को जो कमीशन मिलता था वह भी कई सालों से नहीं बढ़ाया गया है। इस बारे में एसोसिएशन केंद्रीय मंत्रालय से भी मिल चुकी है। बावजूद इसके अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इन्हीं मुद्दों को लेकर सोमवार को सुबह छह बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक हड़ताल रही। इन दिनों बढ़ जाती खपत :

इन दिनों गेहूं की बिजाई जोरों पर है। इसके साथ-साथ किसान शरदकालीन गन्ने की बिजाई भी कर रहे हैं। जिसके चलते डीजल की खपत बढ़ जाती है। सोमवार को हड़ताल होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। पेट्रोल पंपों पर डीजल लेने गए वाहन चालकों को खाली हाथ लौटना पड़ा। किसानों का कहना है कि व्यवसायियों को बातचीत के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। न कि जनता को इस तरह परेशान किया जाना चाहिए। फोटो : 3

झेलनी पड़ी परेशानी :

जिला परिषद के निवर्तमान सदस्य लाल चंद ने बताया कि उसने अपनी बाइक में पेट्रोल डलवाना था। कई पेट्रोल पंपों पर गया, लेकिन सभी बंद रहे। बाद में उसने लाइन में लगकर इंडियन आयल के पेट्रोल पंप से पेट्रोल डलवाया। शहर में एकमात्र यही पेट्रोल पंप खुला मिला। फोटो : 4

दो किलोमीटर पैदल चला :

भंभौल के ताराचंद ने बताया कि पेट्रोल पंपों की हड़ताल का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा है। वाहन में पेट्रोल पंप डलवाने के लिए दिनभर धक्के खाने पड़े। कई-कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। आवश्यक कार्यों को लोग समय पर नहीं कर पाए। हड़ताल की बजाय बातचीत के जरिए समाधान होना चाहिए।

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