केंद्रीय सुरक्षा कानून की मांग को लेकर हड़ताल पर रहे निजी चिकित्सक

अस्पतालों में डाक्टरों के साथ मारपीट करने के आरोपियों को पकड़ने के लिए प्रदर्शन किए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 07:31 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 07:31 AM (IST)
केंद्रीय सुरक्षा कानून की मांग को लेकर हड़ताल पर रहे निजी चिकित्सक
केंद्रीय सुरक्षा कानून की मांग को लेकर हड़ताल पर रहे निजी चिकित्सक

फोटो 15

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : अस्पतालों में डाक्टरों के साथ मारपीट करने के आरोपितों को तुरंत गिरफ्तार किए जाने और सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग को लेकर निजी चिकित्सक हड़ताल पर रहे। आइएमए के आह्वान पर यह हड़ताल की जा रही है। इसके तहत निजी चिकित्सक सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक ओपीडी बंद रखी। हालांकि आपातकालीन सेवाएं जारी रही। आइएमए की ओर से डाक्टरों के साथ मारपीट के मामले में केंद्रीय सुरक्षा कानून बनाए जाने की मांग से संबंधित पीएम के नाम ज्ञापन एसडीएम सुशील कुमार को दिया।

आइएमए की जिला प्रधान डा. सुनीला सोनी ने बताया कि राष्ट्रीय विरोध दिवस मनाया गया। इसका उद्देश्य पेशे व पेशेवरों पर हमले को रोकना है। जिसका नारा सेव द सेवियर्स रखा गया है। इसके तहत ही ओपीडी सेवाएं बंद रखी गई। असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और कई अन्य स्थानों पर पिछले दो हफ्तों में कोविड ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों पर हमले हुए हैं। उनके साथ मारपीट की गई। कई डाक्टरों को फ्रेक्चर तक हुए हैं। ऐसा हर रोज हो रहा है। इसके लिए केंद्रीय सुरक्षा कानून बनाए जाने की मांग लगातार सरकार के समक्ष रखी जा रही है। कोई भी डाक्टर नहीं चाहता कि मरीज की मौत हो। यदि किसी भी मरीज के तीमारदार को लगता है कि डाक्टर की गलती है तो कानूनी कार्रवाई करें, लेकिन मारपीट करना गलत है।

कोरोना काल में आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के डाक्टरों ने देश एवं समाज की सेवा में अभूतपूर्व योगदान दिया है। इस दौरान 1500 से ज्यादा डाक्टरों ने मरीजों की सेवा में अपने प्राणों का त्याग भी किया है। यदि डाक्टरों पर इसी प्रकार हमले होते रहे, तो आने वाली पीढि़यां इस पेश में आने से पीछे हटने लगेंगी। इस दौरान डा. एवीएस रवि, डा. आर मसीह, डा. मोहिद्र मेहता, डा. डीके सोनी, डा. विक्रम भारती, डा. नीलेश कोहली, डा. नरेंद्र कश्यप, डा. अमित गोयल, डा. वैभव अग्रवाल, डा. दीपका अग्रवाल, डा. रिषभ गर्ग व डा. लोकेश गर्ग भी मौजूद रहे। यह है आइएमए की मांग

केंद्रीय अस्पताल और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर संरक्षण अधिनियम आइपीसी और सीआरपीसी टैग के साथ

प्रत्येक अस्पताल में मानकीकरण और सुरक्षा में वृद्धि।

अस्पताल को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाएगा।

मारपीट के आरोपितों को फास्ट ट्रैक मोड के तहत दंडित किया जाएगा और कड़ी सजा दी जाएगी।

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