घर-घर जाकर बच्चों को पिलाई जा रही पोलियो की दवा

पोलियो की दवा पीने से वंचित रहे बच्चों को अब स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर दवा पिला रही हैं। इसके तहत भंभौल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की टीमों ने सार्वजनिक स्थानों व आसपास के गांवों में जाकर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को दवा पिलाई। भंभौल पीएचसी के मेडिकल आफिसर डा. मुकेश कुमार ने बताया कि रविवार से अभियान शुरू हो गया है। काफी ऐसे बच्चे हैं जो पहले दिन दवा पीने से वंचित रह गए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 07:14 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 07:14 AM (IST)
घर-घर जाकर बच्चों को पिलाई जा रही पोलियो की दवा
घर-घर जाकर बच्चों को पिलाई जा रही पोलियो की दवा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

पोलियो की दवा पीने से वंचित रहे बच्चों को अब स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर दवा पिला रही हैं। इसके तहत भंभौल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की टीमों ने सार्वजनिक स्थानों व आसपास के गांवों में जाकर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को दवा पिलाई। भंभौल पीएचसी के मेडिकल आफिसर डा. मुकेश कुमार ने बताया कि रविवार से अभियान शुरू हो गया है। काफी ऐसे बच्चे हैं, जो पहले दिन दवा पीने से वंचित रह गए। अब उन्हें घर-घर जाकर दवा पिलाई जा रही है। इसके साथ ही बस्तियों में भी टीमें जा रही हैं। इस बार कोई भी बच्चा नहीं छूटेगा। स्वास्थ्य केंद्र पर भी बच्चों को दवा पिलाई जा रही है। लोगों से यही अपील है कि वह नौनिहालों को दवा पिलाएं। इस दौरान डा. कमलजीत कौर, सुरेश कुमार, अंजना, सुदेश रानी, सुरेश कुमार, उर्मिला, नीलम, संजीव, प्रीती, किरणदीप व हेमा का भी सहयोग रहा। संवाद सहयोगी, रादौर: इंकलाब मंदिर गुमथला राव में शहीद ए आजम भगत सिंह क जन्मदिवस मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर के सदस्यों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इंकलाब मंदिर के संस्थापक अधिवक्ता वरयाम सिंह ने बताया कि क्रांतिकारी वीर भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए जो कुर्बानी व त्याग किया वह युगों- युगों तक याद रहेगा। इंकलाब मंदिर वीर शहीदों की कुर्बानी एवं त्याग की गाथाएं आने वाली पीढिय़ों तक पहुंचने का कार्य कर रहा है और इसे निरंतर जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि आजादी दिलाने के लिए निस्वार्थ शहीद हुए वीर सपूतों को आज भी संवैधानिक रूप से शहीद का दर्जा नहीं दिया गया। क्रांतिकारी वीर शहीदों को संवैधानिक रूप से शहीद का दर्जा मिले इसके लिए ही इंकलाब मंदिर की स्थापना की गई है। जिसके लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। मौके पर अवतार सिंह, गुरमुख सिंह, दीपक गर्ग, सर्वजीत सिंह, रत्न सिंह, बलजीत सिंह, पंकज, सोनू, मोनू, प्रवीण, विजय, बलविद्र, अमरजीत सिंह उपस्थित थे।

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