स्टार्म वाटर पाइप लाइन दबाने की योजना अटकी, कोर्ट से स्टे मिली
बरसाती पानी की निकासी के लिए कन्हैया साहिब चौक से डिच ड्रेन तक डाली जा रही स्टार्म वाटर पाइप लाइन की योजना लटकती नजर आ रही है। एक ओर जहां अधिकारी इसे निगम की जमीन बता रहे हैं वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के लोग कोर्ट जमीनी को निजी करार देते हुए मालिक इंतजार खां व स्वजनों ने कोर्ट से स्टे ले ली है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बरसाती पानी की निकासी के लिए कन्हैया साहिब चौक से डिच ड्रेन तक डाली जा रही स्टार्म वाटर पाइप लाइन की योजना लटकती नजर आ रही है। एक ओर जहां अधिकारी इसे निगम की जमीन बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के लोग कोर्ट जमीनी को निजी करार देते हुए मालिक इंतजार खां व स्वजनों ने कोर्ट से स्टे ले ली है। मामले में 28 सितंबर अगली तारीख लगी है।
एडवाकेट सतपाल नगला के मुताबिक रेलवे लाइन क्रास करते ही जमीन इंतजार गुर्जर व उसके परिवार वालों की है। यह 15 कनाल सात मरले जमीन है जोकि चांदपुर एरिया में पड़ती है। यदि निगम की ओर से पाइप लाइन डाली जाती है तो यह निजी जमीन से होकर जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं किया जा सकते। जिसके चलते फिलहाल पाइप लाइन बिछाने का काम रुक गया और जमीन के मालिक को स्टे मिल गया है।
यह है योजना
जगाधरी से आ रहा बड़ा नाला बरसाती सीजन में यमुनानगर की शहरी कालोनियों में जलभराव की वजह बनता है। बरसात के दिनों में क्षमता से अधिक पानी आने पर नाले से ओवरफ्लो होकर बाहर गलियों में बहता है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए नाले के पानी को बांटने के लिए कन्हैया साहिब चौक से डिच ड्रेन तक नगर निगम अमरुत स्कीम में स्टार्म वाटर पाइप लाइन डाल रहा है। ताकि जगाधरी से यमुनानगर में आकर नाले का पानी शहरी कालोनियों की ओर जा रहे नाले के साथ कन्हैया साहिब चौक से डायवर्ट होकर डिच ड्रेन में जा सके। पाइप लाइन का काम 11.84 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। जिसमें लगभग छह फीट चौड़ी पाइप लाइन डाली जानी है।
अधिकारियों ने किया था दौरा
गत दिनों डीसी गिरीश अरोड़ा, नगर नगम कमिश्नर अजय सिंह तोमर व निगम के अन्य अधिकारियों ने संबंधित जमीन का दौरा किया था। बाइपास तक पाइप लाइन डालने का काम पूरा किया जा चुका है। लेकिन बाइपास पुल के पास रेलवे लाइन क्रास करते ही काम रुक गया। यहां सरकारी जमीन के पास प्राइवेट जमीन बताई जा रही है। कुछ दिन पहले इसी निशानदेही भी करवाई थी। जिसके आधार पर अधिकारी इस जमीन को निजी करार दे रहे हैं।