नगर निगम की गोद में आकर इधर के रहे न उधर के सेक्टरवासी
सेक्टर- 15 17 व 18 बदहाली के कगार पर हैं। यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि जब से क्षेत्र को निगम में शामिल किया है लोगों की सुनवाई नहीं की जा रही है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
सेक्टर- 15, 17 व 18 बदहाली के कगार पर हैं। यहां रहने वाले लोगों की न तो शहरी संपदा के लोग सुनते हैं और न ही नगर निगम के अधिकारी। लोगों का कहना है कि जब से सेक्टरों की देखरेख का जिम्मा नगर निगम को दिया है तब से तो हालात कुछ ज्यादा ही खराब हो गए हैं। टूटी सड़कों की मरम्मत कराना तो दूर की बात है सफाई कर्मचारी झाड़ू लगाने भी नहीं आते। यदि झाडू लग गया तो कचरा उठाने कोई नहीं आता। सेक्टर-18 के प्रधान का कहना है कि जिन सफाई कर्मचारियों को सेक्टर की सफाई करनी चाहिए वह अधिकारियों की कोठियों पर बगार कर रहे हैं। टूट चुकी हैं सेक्टरों की सड़कें :
दोनों सेक्टरों की ज्यादातर सड़कें टूट कर बिखर चुकी हैं। सबसे ज्यादा बुरा हाल सेक्टर-18 की मुख्य सड़क का है। कई साल बीत गए अधिकारियों ने इस सड़क की मरम्मत नहीं करवाई। बजरी बिखर कर दूर तक फैल गई है। आए दिन दोपहिया चालक बजरी पर फिसल कर चोटिल हो रहे हैं। गत वर्ष निगम ने 115 करोड़ का बजट पास किया था। फिर भी निगम के खजाने में इन सड़कों की मरम्मत के लिए पैसा नहीं है। जब कोई आवाज उठाता है तो गड्ढों में मिट्टी डलवा देते हैं। जैसे ही बरसात होती है तो मिट्टी पानी में बह जाती है। इसी तरह सेक्टर-17 के लिक रोड चलने लायक नहीं रहे। जबकि सेक्टर में न तो कोई भारी वाहन चलता है और न ही इतना ट्रैफिक है। फिर भी सड़कों का बुरा हाल है। 30 की बजाय आते हैं दो कर्मचारी : गगन खरोड़
सेक्टर-18 के प्रधान गगन खरोड़ का कहना है कि निगम की तरफ से सेक्टर में 30 कर्मचारी अलाट हैं। परंतु दो कर्मचारी ही काम पर आते हैं। बाकी अफसरों की कोठियों पर काम कर रहे हैं। उनके पास रेहड़ी तक नहीं है। इसलिए दिखावे के लिए झाडू लगाकर चले जाते हैं। कचरा हवा से उड़ कर फिर से फैल जाता है। इस बारे में एमसी राम आसरे से कहते हैं कि तो उनका एक ही जवाब होता है कि उनके बस की बात नहीं है। कहने के बावजूद सड़कों की मरम्मत तक नहीं करवाई जा रही। लाइटें काम नहीं करती : डीसी बिदल
सेक्टर-17 के प्रधान डीसी बिदल का कहना है कि सेक्टर की स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। कई बार इन्हें ठीक करने की शिकायत कर चुके के हैं परंतु कोई ठीक नहीं करता। खाली प्लाटों में कचरा फैला है। झाड़ियां उग गई हैं। टूटी सड़कों को नहीं बनाया जा रहा। सड़कों पर खड़े पोल पर बिजली की तार कम केबल तार ज्यादा हैं। ये टूट कर लटक जाती हैं। कई लोग इनमें उलझ कर गिर चुके हैं। निगम अधिकारी कुछ सुनने को तैयार नहीं। दोनों सामुदायिक केंद्र हैंडओवर नहीं किए : राम आसरे
वार्ड सात से एमसी राम आसरे का कहना है कि दोनों सेक्टरों के सामुदायिक केंद्रों को निगम ने अभी तक हैंडओवर नहीं लिया है। दोनों की हालत गांव से भी बद्तर हो गई है। पानी निकासी के लिए सेक्टर-17 में ड्रेनेज सिस्टम का बुरा हाल है। पानी निकासी न होने से सड़कें टूट रही हैं। दोनों सेक्टरों में सफाई नियमित हो रही हैं। सेक्टर-18 के प्रधान झूठे आरोप लगा रहे हैं। सभी सड़कें बनाएंगे : मदन चौहान
नगर निगम मेयर मदन चौहान का कहना है कि सभी सेक्टरों की टूटी सड़कों को जल्द बनाया जाएगा। सेक्टरों की देखरेख की जिम्मेदारी निगम की है। सभी जगह एक समान काम किए जाएंगे। सफाई नियमित हो इसके लिए अधिकारियों से बात करेंगे।