सरप्लस ड्राइवरों को दूसरे विभागों में समायोजित करने का विरोध

रोडवेज एससी एंप्लाइज संघर्ष समिति आफ हरियाणा ने रोडवेज विभाग की ओर से बैठक का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Mar 2021 08:35 AM (IST) Updated:Mon, 08 Mar 2021 08:35 AM (IST)
सरप्लस ड्राइवरों को दूसरे विभागों में समायोजित करने का विरोध
सरप्लस ड्राइवरों को दूसरे विभागों में समायोजित करने का विरोध

जागरण संवाददाता, करनाल:

रोडवेज एससी एंप्लाइज संघर्ष समिति आफ हरियाणा ने रोडवेज विभाग के 1000 सरप्लस ड्राइवरों को अन्य विभागों में समायोजित करने के फैसले का विरोध किया है।

समिति के राज्य प्रधान बलवंत सिंह और राज्य महासचिव संदीप कुमार ने जारी संयुक्त बयान में कहा कि सरकार इस प्रकार के फैसले को तुरंत वापस करे। सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। हरियाणा सरकार द्वारा 850 बसों को रोडवेज के बेड़े में मार्च के माह में शामिल किया जाना है। इन बसों को लाने का टेंडर भी हो चुका है। ऐसी स्थिति में 850 बसों के आने पर इन बसों पर ड्राइवरों की जरूरत होगी। उसके हिसाब से ये ड्राइवर सरप्लस नहीं हैं।

राज्य महासचिव संदीप कुमार ने कहा ऐसे फैसले कर्मचारियों के हित पर कुठाराघात हैं। राज्य सरकार को यदि अन्य विभागों में ड्राइवर की आवश्यकता है तो सरकार अपने स्तर पर ड्राइवरों की भर्ती करे। इससे हरियाणा में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और युवाओं को रोजगार मिलेगा।

राज्य उप प्रधान मनोज इंदौरा ने कहा कि संगठन इस फैसले का पुरजोर विरोध करता है। रोडवेज के ड्राइवरों को अन्य विभागों में ना लगा कर परिवहन विभाग में ही रखा जाए। वर्तमान में हरियाणा रोडवेज के बेड़े में बसें घटकर 3239 ही रह गई हैं। जबकि 2323 बसें सड़कों पर दौड़ रही है । जनता को बेहतर सुविधा देने के हिसाब से हरियाणा रोडवेज के बेड़े में 10000 बसों की आवश्यकता है। जिस प्रकार जनसंख्या का दबाव बढ़ रहा है उस हिसाब से रोडवेज की बसों की संख्या बढ़ाई जाए। ऐसा करने से विभाग की स्थिति में भी सुधार आएगा और लोगों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।

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