नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से रुपये ठगने वाला गिरफ्तार, दूसरा भेजा जेल

नौकरी लगवाने व सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाने के नाम पर लोगों से साढ़े छह लाख रुपये की ठगी करने वाले गांव फेरुवाला निवासी रोशन लाल व गांव गनौली के अमन को इकोनोमिक सेल ने गिरफ्तार कर लिया। जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर जनकराज ने बताया कि अमन को दो दिन के रिमांड पर लिया गया है जबकि रोशन लाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में फरार अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Jul 2021 07:40 AM (IST) Updated:Sun, 18 Jul 2021 07:40 AM (IST)
नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से रुपये ठगने वाला गिरफ्तार, दूसरा भेजा जेल
नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से रुपये ठगने वाला गिरफ्तार, दूसरा भेजा जेल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नौकरी लगवाने व सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाने के नाम पर लोगों से साढ़े छह लाख रुपये की ठगी करने वाले गांव फेरुवाला निवासी रोशन लाल व गांव गनौली के अमन को इकोनोमिक सेल ने गिरफ्तार कर लिया। जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर जनकराज ने बताया कि अमन को दो दिन के रिमांड पर लिया गया है जबकि रोशन लाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में फरार अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।

थाना बिलासपुर पुलिस ने गांव पालेवाला निवासी सुनील कुमार की शिकायत पर गांव लाहसाबाद निवासी रेणू कादियान, गनौली निवासी अमन और फेरुवाला के रोशन लाल पर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 6.50 लाख रुपये हड़पने का केस 26 जून को दर्ज किया था। सुनील ने शिकायत में कहा था कि वह अपनी रिश्तेदारी पिरथीपुर में गया हुआ था। वहां पर रेणू कादियान, अमन व रोशन लाल भी आए हुए थे। वहां पर वह विधवा पेंशन के फार्म भर रहे थे। इस दौरान तीनों ने उसे कहा कि वह उसे नौकरी लगवा देगी। उसकी राजनीतिक पहुंच है। कई लोगों को नौकरी लगवा चुके हैं। उन्होंने उसे ग्रुप डी में नौकरी लगवाने की बात कही। इसके बाद वह आरोपितों के बिलासपुर स्थित कार्यालय में मिला। वहां पर उसने अपने दस्तावेज और एक लाख रुपये उन्हें दिए। तब उन्होंने उसे कहा कि अगर उसका कोई और जानकार है तो वह उसे भी नौकरी लगवा देंगे। तब उसने अपने जानकार कविद्र व सन्नी से इस बारे बात कराई। आरोपित रादौर आए, वहां पर कविद्र और सन्नी के दस्तावेज, दो लाख 60 हजार रुपये लिए। आठ फरवरी 2019 में 40 हजार रुपये बैंक में डलवाए। रेणु ने उन्हें कहा कि उन्हें मंत्री के कोटे से भर्ती किया जाएगा। उनका पेपर नहीं होगा। काफी समय निकल जाने के बाद भी उनकी नौकरी नहीं लगी। उन्होंने कई बार आरोपितों से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने उनसे ही बात नहीं की। उनके पैसे भी नहीं दिए और उन्हें फर्जी लेटर दे दिए।

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