लक्ष्य निर्धारित हो तो कुछ भी असंभव नहीं... यमुनानगर के पवन मशरूम से हुए मशहूर

यमुनानगर के लक्खीबांस निवासी पवन कुमार ने 1996 में छोटे स्तर पर मशरूम का उत्पादन शुरू किया था। शुरुआती संघर्ष के बाद आज वह मुकाम हासिल कर चुके हैं। यही नहीं उनके साथ अब 30 लोग काम कर रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 05:21 PM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2020 12:14 PM (IST)
लक्ष्य निर्धारित हो तो कुछ भी असंभव नहीं... यमुनानगर के पवन मशरूम से हुए मशहूर
किसान पवन कुमार द्वारा तैयार की गई मशरूम। जागरण

यमुनानगर [पोपिन पंंवार]। लक्ष्य निर्धारित हो तो कुछ भी असंभव नहीं। ये हैं यमुनानगर के लक्सीबांस निवासी किसान पवन कुमार। इन्होंने वर्ष 1996 में मशरूम उत्पादन की शुरुआत की थी। शुरुआत में कई कठिनाइयां आई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इसी का नतीजा है कि आज वह  45 हजार बैग मशरूम उत्पादन कर रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने 30 लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया है।

1996 में 12वीं करने के बाद पवन कुमार ने तुड़ी में मशरूम उगाने की शुरूआत की थी। अब वह हाइटेक प्लांट लगाकर अग्रणी उत्पादक बन चुके हैं। बागवानी विभाग व सरकार से भी सम्मानित हो चुके हैं। वह इन दिनों दो एकड़ में मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं। हर रोज 15 क्विंटल मशरूम उगा वह कम जोत में भी अधिक आमदनी कर रहे हैं।

पवन कुमार द्वारा उगाई गई मशरूम। जागरण

पवन कुमार के मुताबिक उन्होंने 30 क्विंटल कंपोस्ट से मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू किया। 500 बैग तैयार हुए थे। हालांकि शुरुआती दौर में अधिक मुनाफा नहीं हुआ, फिर भी उन्होंने कारोबार के प्रति दिलचस्पी बढ़ाई। बहुत ही कम समय में उनको सफलता मिलने लगी। व्यवसाय को बढ़ाने के लिए उन्होंने उद्यान व कृषि विभाग के वैज्ञानिकों से संपर्क किया। उद्यान विभाग के माध्यम से बैंक से चैंबर बनाने के लिए उनको तीन लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिली। जिस पर 45 हजार रुपये सब्सिडी प्रदान की गई थी। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

चैंबर में उगी मशरूम दिखाते पवन कुमार। जागरण

व्हाइट बटन किस्म की मशरूम का कर रहे उत्पादन

पवन के पास दो एकड़ जमीन है। इस पर मशरूम के 45 हजार बैग हैं। क्षेत्र के 30 लोगों को हर दिन रोजगार दे रहे हैं। वह व्हाइट बटन किस्म की मशरूम तैयार करते हैं। हालांकि तैयारी पहले ही करनी पड़ती है, लेकिन नवंबर से सीजन पूरी तरह शुरू हो जाता है, जो कि मार्च तक चलता है। इन दिनों रेट में गिरावट है। मशरूम 70-75 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।

पवन कुमार द्वारा खेतों के बीच बनाए गए चैंबर। जागरण

खुद करते हैं सप्लाई

पवन ने बताया कि उनके साथ जिले सिंह, जयपाल कांबोज, नरेंद्र, विपिन, प्रताप व गौरव भी काम रहे हैं। कई वर्ष से वे इकट्ठे ही काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यमुनानगर में खपत कम होने के कारण वह दिल्ली व चंडीगढ़ की मंडियों में मशरूम सप्लाई करते हैं।

गुणकारी है मशरूम

मशरूम में कैलोरी की मात्रा कम होती है और यह विटामिन-बी का बेहतर स्रोत माना जाता है। मशरूम में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जिस वजह से यह सेहत के लिए फायदेमंद रहता है। मशरूम में जिंक और पोटेशियम प्रचुर मात्रा में होता है, जो कि शारीरिक क्रियाओं को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करते हैं। सफेद मशरूम में प्रोटीन अत्यधिक मात्रा में होता है। यह कोलस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा मशरूम में फाइबर और कुछ एंजाइम होते हैं जो कोलस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकते हैं।

यह भी पढ़ें : जानें... अचानक कैसे बदली आबोहवा, अंबाला बना देश का सबसे प्रदूषित शहर

यह भी पढ़ें : दीपावली के बाद तेजी से बढ़ा कोरोना संक्रमण, पंजाब के इस शहर में पाए गए हैं अब तक सबसे अधिक पॉजिटिव केस

यह भी पढ़ें : 108 साल पुरानी पंजाब मेल 255 दिन बाद 1 दिसंबर से लौटेगी ट्रैक पर, 1912 में हुआ था सफर शुरू

यह भी पढ़ें :  कैप्टन अमरिंदर ने मनोहर लाल से पूछा सवाल, सीधे मेरे मोबाइल पर क्यों नहीं किया फोन

chat bot
आपका साथी