केवल कुत्तों के काटने से नहीं, अन्य जानवरों से ही हो सकती है रेबीज : डा. दहिया

विश्व रेबीज दिवस पर सिविल सर्जन कार्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें रेबीज के संक्रमण व इसकी रोकथाम के बारे में जागरूक किया गया। कार्यशाला में डाग रेस्क्यू आर्गेनाइजेशन व पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 07:35 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 07:35 AM (IST)
केवल कुत्तों के काटने से नहीं, अन्य जानवरों से ही हो सकती है रेबीज : डा. दहिया
केवल कुत्तों के काटने से नहीं, अन्य जानवरों से ही हो सकती है रेबीज : डा. दहिया

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

विश्व रेबीज दिवस पर सिविल सर्जन कार्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें रेबीज के संक्रमण व इसकी रोकथाम के बारे में जागरूक किया गया। कार्यशाला में डाग रेस्क्यू आर्गेनाइजेशन व पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने कहा कि रेबीज बीमारी केवल कुत्ते के काटने के कारण ही नहीं होती, बल्कि अन्य जानवरों से भी हो सकती है। रेबीज एक जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। यह वायरस जानवर से इंसानों में जाने के कारण होता है। पशु पालन विभाग से डा. अमित कुमार ने कहा कि रेबीज कुत्तों के अलावा गाय या घोडों से भी फैलता है। इसलिए इनका वैक्सीनेशन कराना आवश्यक होता है। इस दौरान डाग रेस्क्यू आर्गेनाइजेशन से मोनिका गुलाटी, नकुल गोयल, गगन, अनिमेश गुप्ता, संजीव चौधरी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर उप-सिविल सर्जन डा. पूनम चौधरी, डा. दीपिका गुप्ता, डा. विजय परमार, डा. सुशीला, डा. शमा, डा. नीतिन गुप्ता, सहदेव भी मौजूद रहे। जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

संतपुरा स्थित गुरु नानक ग‌र्ल्स कालेज के कंप्यूटर विभाग की ओर से आनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें छात्राओं को विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी नौकरियों के अवसरों और उनको प्राप्त करने से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। कार्यक्रम संयोजिका डा. आरती सिंह ने बताया कि कालेज डायरेक्टर डा. वरिद्र गांधी और प्रिसिपल डा. अनु अतरेजा के दिशा निर्देशन में यह कार्यक्रम करवाया गया। मुंबई की एक्सपर्ट कार्नर अकादमी से अंजुम खान मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रही।

मुख्य वक्ता अंजुम खान ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में किए गए सर्वे के अनुसार, शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक है। हर साल केवल स्नातक पास करने वाले लाखों छात्रों के होने के बाद भी व्यक्तियों के लिए अवसरों की कमी हो गई है। निश्चित रूप से नौकरी पाने के लिए, कई छात्र एसएससी और बैंकिग जैसी प्रतियोगी सरकारी नौकरी की परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर देते हैं। क्योंकि सरकारी नौकरी में जाब सिक्योरिटी, आकर्षक वेतन और अन्य लाभ के साथ भत्ते मिलते हैं। प्रतिष्ठित संगठन में सम्मानित नौकरी पाने के लिए छात्रों को बैंकिग और एसएससी के अलावा अन्य अवसरों को देखना चाहिए। कालेज डायरेक्टर डा. वरिद्र गांधी ने कहा कि विद्यार्थियों को जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्नातक के बाद सरकारी नौकरियों के बहुत सारे अवसर नियमित रूप से बहुत सारी वेबसाइट पर अपडेट होते रहते हैं। छात्राओं को हमेशा अपनी तैयारी रखनी चाहिए।

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