कोरोना वैक्सीन लगवाने में लापरवाही, 42 प्रतिशत लोगों ने ही लगवाई दूसरी डोज

कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने से लोग बच रहे हैं। अब तक महज 42 प्रतिशत लोगों को ही दूसरी डोज लग पाई है। दूसरी डोज न लगवाने वाले लोग कोरोना महामारी को हल्के में लेने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जुटाई जा रही फीडबैक में यही सामने आ रहा है। दूसरी डोज न लगवाने वाले लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी टेंशन बढ़ा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 05:53 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 05:53 PM (IST)
कोरोना वैक्सीन लगवाने में लापरवाही, 42 प्रतिशत लोगों ने ही लगवाई दूसरी डोज
कोरोना वैक्सीन लगवाने में लापरवाही, 42 प्रतिशत लोगों ने ही लगवाई दूसरी डोज

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने से लोग बच रहे हैं। अब तक महज 42 प्रतिशत लोगों को ही दूसरी डोज लग पाई है। दूसरी डोज न लगवाने वाले लोग कोरोना महामारी को हल्के में लेने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जुटाई जा रही फीडबैक में यही सामने आ रहा है। दूसरी डोज न लगवाने वाले लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी टेंशन बढ़ा दी है। क्योंकि यह हालात तब हैं जब विभाग के कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली व दूसरी डोज लगाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग को टीकाकरण करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है, जबकि लोगों को खुद आगे आना चाहिए। 393937 लोगों को ही लगी दूसरी डोज :

18 वर्ष से अधिक आयु के जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली व दूसरी डोज लगनी है उनकी संख्या 944753 हैं। इनमें 89 प्रतिशत लोगों यानि 843465 लोगों को पहली डोज जबकि 42 प्रतिशत लोगों यानि 397937 लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है। नौ नवंबर से हर घर दस्तक कार्यक्रम के तहत एएनएम द्वारा घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। इसके तहत घरों में 2484 लोगों को पहली डोज व 8803 लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। ओमिक्रोन वैरिएंट ने बढ़ाई चिता :

कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिता बढ़ा दी है। क्योंकि यह वेरिएंट अधिक तेजी से फैलता है। हालांकि प्रदेश में अभी इस वायरस का कोई मरीज नहीं मिला है लेकिन अधिकारियों ने इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी है। इसे लेकर सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने सोमवार को अपने कार्यालय में ओमिक्रोन वैरिएंट की गाइडलाइन को लेकर स्टाफ से चर्चा की गई। जिसमें स्टाफ से कहा गया है कि वह अलर्ट रहें। किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होंगी। एहतियात के तौर पर विभाग ने सैंपल की संख्या रोजाना 850 से बढ़ाकर 2000 करने का निर्णय लिया है।

12 देशों से आने वालों पर रहेगी विशेष नजर :

दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 का ओमिक्रोन वैरिएंट का असर ज्यादा देखा जा रहा है। इसलिए 12 देशों से आने वाले यात्रियों पर विभाग की पैनी नजर रहेगी। इन देशों की सूची में (यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांगलादेश, बोस्तवाना, चीन, मारिशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिगापुर, होंगकाग, इजराइल) का नाम शामिल है। विजय दहिया ने बताया कि इन देशों से आने वाले सभी यात्रियों का पहले कोविड टेस्ट हवाई अड्डे पर किया जाएगा। दूसरा टेस्ट एक सप्ताह पश्चात अपने जिले में करवाया जाएगा। सभी यात्रियों के एयरपोर्ट पर टैस्ट उपरांत होम क्वारंटाइन रखा जाएगा। आठवें दिन व्यक्ति का दोबारा टेस्ट किया जाएगा। टेस्ट में नेगेटिव होने पर यात्री अपने घर पर ही क्वारंटाइन रहेगा। दि कोई यात्री कोविड संक्रमण से ग्रस्त पाया गया तो उसका स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपचार किया जाएगा। पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों का टेस्ट नहीं किया जाएगा। इनमें कोविड के लक्षण पाए जाने पर ही टेस्ट किया जाएगा। टूटने लगे नियम, पड़ न जाएं भारी :

डीसी पार्थ गुप्ता ने बताया कि सोमवार को जिला में कोरोना पाजिटिव तीन नए मरीज मिले हैं। जबकि दो पाजिटिव मरीज ठीक हुए हैं। जिला में कोविड-19 का रिकवरी रेट 98.30 प्रतिशत हो गया है। अब तक 40.03 प्रतिशत आबादी का कोरोना टेस्ट हो गया है। अब तक जिले में कुल 24723 मरीज कोरोना पाजिटिव मिल चुके हैं जिनमें से 24305 ठीक हो चुके हैं। अब जिले में कोरोना के छह सक्रिय मरीज हैं जो अस्पताल में दाखिल हैं। वहीं लोग कोरोना महामारी को हल्के में लेने लगे हैं। भीड़ वाले बाजार हो या फिर रेस्टोरेंट या फिर सरकारी कार्यालय हर जगह लोगों ने मास्क पहनना भी छोड़ दिया है। बिना मास्क वालों का चालान तक नहीं काटा जा रहा है। वायरस का नया वैरिएंट मिलने के बाद यह लापरवाही भारी पड़ सकती है।

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