बेहतर रेंकिग के लिए धरातल पर काम करने की जरूरत, व्यवस्था से संतुष्ट नहीं निगरानी कमेटी
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में पिछड़ जाने के बाद नगर निगम प्रशासन हरकत में हैं। पिछड़ने के कारणों को दूर करने के लिए खूब जोर आजमाइश की जा रही है। उधर शहरवासी व जन प्रतिनिधि व्यवस्था को कसूरवार ठहरा रहे हैं और सुधार किए जाने की सलाह दे रहे हैं। उनके मुताबिक निगम अधिकारियों को अतीत से सबक लेते हुए भविष्य के लिए बेहतर करना चाहिए। ताकि अच्छा रेंक मिले। देश में निगम का नाम रोशन हो।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में पिछड़ जाने के बाद नगर निगम प्रशासन हरकत में हैं। पिछड़ने के कारणों को दूर करने के लिए खूब जोर आजमाइश की जा रही है। उधर, शहरवासी व जन प्रतिनिधि व्यवस्था को कसूरवार ठहरा रहे हैं और सुधार किए जाने की सलाह दे रहे हैं। उनके मुताबिक निगम अधिकारियों को अतीत से सबक लेते हुए भविष्य के लिए बेहतर करना चाहिए। ताकि अच्छा रेंक मिले। देश में निगम का नाम रोशन हो। बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में निगम को 273वां रेंक मिला है। जबकि इससे पहले 147वें रेंक पर था। निगम में शामिल गांवों में हालात खराब :
सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम में शामिल 42 गांवों में हालात अधिक खराब देखे जा रहे हैं। यहां न केवल सफाई व्यवस्था बदहाल है बल्कि गंदे पानी की निकासी भी सवालों के घेरे में हैं। नालियों में जमा गंदगी स्वच्छता के दावों की पोल खोल रही है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। कई-कई दिन तक कचरा उठाने के लिए गाड़ी नहीं पहुंचती। कालोनीवासियों की सुविधा के लिए बने सार्वजनिक शौचालय भी अनदेखी का शिकार हैं। तालाब ओवरफ्लो होकर गलियों में गंदा पानी बहता है। ये हालात स्वच्छ सर्वेक्षण में पिछड़ने का कारण बनते हैं। फोटो : 1
शहरवासियों को जागरूक किया जाए :
वार्ड नंबर 22 से पार्षद व स्वच्छता कमेटी की सदस्य सविता कांबोज का कहना है कि शहर को साफ सुथरा बनाने व स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रेंकिग के लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा। आउटर की कालोनियों में विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। साथ ही शहरवासियों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाना चाहिए। स्वच्छ सर्वेक्षण में फीडबैक के अंक जरूर हैं, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है जिनको इस बारे में जानकारी ही नहीं है। स्वच्छता को लेकर शहरवासियों को भी जागरूक होना होगा। अपना दायित्व समझें और निर्धारित स्थान पर ही कचरा डालें। फोटो : 2
संसाधनों का आडिट हो :
सीएम विडो के एमिनेंट पर्सन गिरीश पुरी का कहना है कि गुजरात की तर्ज पर वार्ड समितियों को सक्रिय किया जाए। वार्ड में सफाई का काम संबंधित वार्ड के पार्षद के नेतृत्व में किया जाए। शहरवासियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। साथ ही कचरा सफाई व कचरा उठान के कार्य में प्रयोग किए जा रहे संसाधनों का आडिट कमिश्नर द्वारा किया जाए। क्योंकि निगरानी समितियां संतुष्ट नहीं है। जितना खर्च वाहनों व अन्य संसाधनों पर दिखाया जा रहा है, उतने सकारात्मक परिणाम नहीं आ रहे हैं। फोटो : 3
लगातार मोनिटरिंग की जरूरत :
रूपनगर नगर निवासी व रिटायर पुलिस अधिकारी रमेश शर्मा वशिष्ठ का कहना है कि नगर निगम में आज तक सफाई व्यवस्था को ही बेहतर नहीं किया जा सका। इसमें लगातार मोनिटरिग की जरूरत है। क्योंकि कागजों में जो दिखाया जाता है, हकीकत में वह नहीं होता। कई-कई दिन तक वाहन कचरा लेने नहीं आते। उन गांवों में हालात ज्यादा खराब हैं जिनको निगम में शामिल किया गया है। इनके हालात देखकर नहीं लगता कि यह शहर का हिस्सा हैं। दूसरा, आबादी के हिसाब से सफाई कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त नहीं है। इनकी भर्ती की जानी चाहिए ताकि सभी कालोनियों में नियमित रूप से सफाई हो।