गोवंश को लेकर गंभीर नहीं नगर निगम, कागजों में अभियान

अभियान कागजों में ही चल रहा है। अधिकारियों की ओर से गोवंश को गोशाला में पहुंचाने के दावे तो किए जाते हैं लेकिन सड़कों पर इन दावों की पोल खुल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 05:01 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 05:01 AM (IST)
गोवंश को लेकर गंभीर नहीं नगर निगम, कागजों में अभियान
गोवंश को लेकर गंभीर नहीं नगर निगम, कागजों में अभियान

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : गोवंश के संरक्षण पर अधिकारी गंभीर नहीं है। अभियान कागजों में ही चल रहा है। अधिकारियों की ओर से गोवंश को गोशाला में पहुंचाने के दावे तो किए जाते हैं, लेकिन सड़कों पर इन दावों की पोल खुल रही है। शहर की शायद ही कोई ऐसी कालोनी होगी जिसमें बेसहारा गोवंश को घूमते हुए देखा जा सकता है। इस दिशा में न सामाजिक और धार्मिक संगठन ध्यान दे रहे हैं और न ही सरकार ठोस कदम उठा रही है। बेसहारा घूम रहे सांड कब और कहां हादसे का कारण बन जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। हाईवे पर सरोजनी कालोनी के समीप करीब एक दर्जन गोवंश हर दिन घूमता है। कई बार तो नेशनल हाईवे के बीचोबीच खड़े हो जाते हैं और जाम और हादसों का कारण बनते हैं। नाम का पशुबाड़ा

हालांकि बेसहारा पशुओं को रखने के लिए नगर निगम ने पशुबाड़ा बनाया हुआ है, लेकिन यह केवल नाम का है। यहां न पशुओं को रखने की व्यवस्था है और बेसहारा घूम रहे गोवंश को पकड़ने के लिए अलग से कर्मचारी हैं। नगर निगम ऐसे पशुओं को पकड़कर पशु बाड़े तक पहुंचाने की जहमत नहीं उठा रहा है। जिले में करीब एक दर्जन से अधिक गोशालाएं बनी हुई हैं। उन गोवंशों को इन गोशालाओं में छोड़ा जाता है जो तस्करों से छुड़ाए हुए होते हैं, लेकिन शहर की सड़कों पर घूमने वाले गोवंश को गोशालाओ में नहीं छोड़ा जाता। यह गोवंश सड़कों पर पॉलिथिन खाकर अपना पेट भर रहे हैं। कूड़े कर्कट में मुंह मारते हुए फिरते हैं। कई बार पार्को में घुस जाते हैं और पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है जो सुबह दूध निकालने के बाद इन गायों को खुला छोड़ देते हैं और शाम को दूध निकालने के समय पकड़ ले जाते हैं। गोचरान भूमि पर कब्जा

गोरक्षक रोहित चौधरी का कहना है कि गोचरान की भूमि पर अवैध कब्जे हैं। यदि गोचरान की भूमि को कब्जा मुक्त कराकर तारबंदी करा दी जाए तो पशु सड़कों पर नहीं घूमेंगे। सरकार को भी इस दिशा में ध्यान देना चाहिए। शहर में कमानी चौक से लेकर जगाधरी बस स्टैंड, जगाधरी वर्कशॉप रोड, रेलवे स्टेशन रोड सहित अन्य कई मांगों पर गोवंश अवारा घूमते हुए देखे जा सकते हैं। आमजन को भी चाहिए कि गोवंश को सड़कों पर चोटिल होने के लिए न छोड़ें। सांडों पर भी दिया जाए ध्यान

उमेश प्रताप व रमन का कहना है कि सड़कों पर बेसहारा घूमने के साथ बेसहारा पशु फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। सड़क पर कई बार अचानक वाहन के आगे आ जाते हैं और दुर्घटना का कारण बनते हैं। गोवंश के संरक्षण की ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए।

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