नवोदय स्कूल में 14 सीट के लिए 627 ने किया था आवेदन, 411 ने दी परीक्षा

जवाहर नवोदय विद्यालय गुलाबगढ़ चुहड़पुर प्रतापनगर में नौवीं कक्षा में प्रवेश के लिए करीब चार सौ विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 08:10 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 08:10 AM (IST)
नवोदय स्कूल में 14 सीट के लिए 627 ने किया था आवेदन, 411 ने दी परीक्षा
नवोदय स्कूल में 14 सीट के लिए 627 ने किया था आवेदन, 411 ने दी परीक्षा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

जवाहर नवोदय विद्यालय गुलाबगढ़, चुहड़पुर प्रतापनगर में नौवीं कक्षा की 14 खाली सीटों के लिए बुधवार को 411 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। परीक्षा के लिए सीबीएसई की तरफ से जवाहर नवोदय विद्यालय व राजकीय माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रतापनगर में दो केंद्र बनाए गए थे। सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में परीक्षा हुई। कोविड-19 की पालना करते हुए प्रत्येक परीक्षा केंद्र के एक कमरे में केवल 12 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। डीईओ कार्यालय की तरफ से प्रिसिपल विजय कुमार को आब्जर्वर लगाया गया था। जबकि 32 निरीक्षक लगाए गए थे। 627 विद्यार्थियों ने किया था आवेदन

जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रिसिपल सुरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि खाली सीटों के लिए राजकीय व प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 627 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था। बुधवार को इनमें से 216 विद्यार्थी परीक्षा देने नहीं पहुंचे। नवोदय स्कूल में 326 व प्रतापनगर में 301 विद्यार्थियों की परीक्षा होनी थी। परीक्षार्थियों को बिना मास्क के परीक्षा केंद्र के अंदर नहीं जाने दिया गया। यहां तक की कक्षा केंद्र भी सभी बच्चों ने मास्क पहन कर ही परीक्षा दी। एक घंटा देरी से शुरू हुई परीक्षा :

परीक्षा प्रभारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि परीक्षा का समय सुबह 10 बजे था, परंतु परीक्षा एक घंटा देरी से 11 बजे शुरू हुई। मुख्यालय से मिले आदेशों के अनुसार परीक्षार्थियों की थर्मल स्कैनिग करने के लिए एक घंटा देरी से पेपर लिया गया। विद्यार्थी सुबह आठ बजे से पहले ही स्कूलों के बाहर पहुंचने शुरू हो गए थे। देरी से शुरू होने के कारण वह स्कूल के बाहर ही इंतजार करते रहे। पता गलत होने से भटकते रहे विद्यार्थी

छोटी सी गलती के कारण काफी विद्यार्थियों व उनके माता-पिता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। जिन विद्यार्थियों की परीक्षा राजकीय माडल स्कूल प्रतापनगर में थी उनके रोल नंबर पर राजकीय स्कूल भूड़कलां लिखा हुआ था। भूड़कलां पोस्टल ऐड्रस है। जिस कारण माता-पिता बच्चों को लेकर प्रतापनगर की बजाय भूड़कलां पहुंच गए। वहां जाने पर पता चला कि स्कूल में कोई परीक्षा ही नहीं है। ऐसे में उन्हें दोबारा प्रतापनगर में जाना पड़ा।

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