मर्जी से दूसरे के साथ रहकर संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं, कोर्ट ने आरोपित को किया बरी
शादीशुदा महिला अपना भला बुरा अच्छी तरह से जानती है। पति से तलाक लिए बिना अपनी मर्जी से किसी दूसरे व्यक्ति के साथ रहकर बनाए गए संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आते।
जेएनएन, जगाधरी। शादीशुदा महिला अपना भला बुरा अच्छी तरह से जानती है। पति से तलाक लिए बिना अपनी मर्जी से किसी दूसरे व्यक्ति के साथ रहकर बनाए गए संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आते। एक साल पहले महिला थाने में दर्ज हुए मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पायल बंसल की कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपित को बरी कर दिया। एडवोकेट प्रवीन राणा ने बताया कि कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान आधा दर्जन लोगों की गवाही हुई।
यह था मामला
एडवोकेट प्रवीन राणा ने बताया कि 14 अप्रैल 2018 को महिला थाना यमुनानगर ने एक पीड़ित महिला की शिकायत पर गांव सुल्तानपुर निवासी संजीव के खिलाफ दुष्कर्म, जान से मारने की धमकी व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया। शिकायकर्ता के मुताबिक वह शादीशुदा है और साढौरा कस्बे में ब्यूटीपार्लर चलाती है।
पति उसे रोज दुकान पर छोड़ने व लेकर जाने का काम करता है। कुछ समय बाद पति ने उसे किस्तों पर एक स्कूटर खरीदकर दिया, ताकि वह खुद दुकान पर आ जा सके। एक दिन वह स्कूटर से गिर गई। जिसके बाद उसने अपनी दुकान से कुछ दूरी पर पर मोटर मैकेनिक से अपना स्कूटर ठीक करवाया। इसके बाद आरोपित उसका स्कूटर ठीक करके के बहाने उसकी दुकान पर आने-जाने लगा। जिस कारण दोनों के बीच मेलजोल बढ़ गया। महिला के मुताबिक आरोपित ने उस पर तागे-ताबीजों के जरिए जादू-टोना कर दिया और पति से मनमुटाव करवा दिया। साथ ही उससे बिलासपुर कोर्ट में पति के खिलाफ केस भी दायर करवा दिया।
महिला ने बताया कि इसके बाद वह अपनी बच्चियों के साथ कस्बे में ही किराये के मकान में रहने लगी। इसके बाद आरोपित ने उसके कमरे पर आना जाना शुरू कर दिया। आरोपित सप्ताह में एक बार ही अपने घर जाता था, बाकि की रात वह उसके साथ गुजारता था। कोल्ड ड्रिंक में नशीली दवा मिलाकर उसके साथ गलत काम करता था। इसके बाद सात-आठ महीने तक वह उससे संबंध बनाता रहा। साथ ही उसे पति से तलाक लेने के लिए कहा, ताकि वह उससे शादी कर सके। महिला ने आरोप लगाया था कि आरोपित ने उसे झांसा देकर उसकी जमा पूंजी भी हड़प ली थी।
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