खनन एजेंसी ने मोड़ा यमुना नदी का बहाव, सिचाई विभाग बेखबर

यमुना नदी के गुमथला घाट पर एक बार फिर से एनजीटी व सिचाई विभाग के नियम टूटने लगे है। खनन एजेंसी ने यमुना नदी की प्राकृतिक धारा को मोड़कर खनन कार्य शुरू कर दिया है। अभी तक किसी भी अधिकारी ने इस पर कोई कार्रवाई करने की पहल नहीं की है। सिचाई विभाग के अधिकारी तो आंखों पर पट्टी बांध कर बैठे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 06:29 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 06:29 AM (IST)
खनन एजेंसी ने मोड़ा यमुना नदी का बहाव, सिचाई विभाग बेखबर
खनन एजेंसी ने मोड़ा यमुना नदी का बहाव, सिचाई विभाग बेखबर

संवाद सहयोगी, रादौर: यमुना नदी के गुमथला घाट पर एक बार फिर से एनजीटी व सिचाई विभाग के नियम टूटने लगे है। खनन एजेंसी ने यमुना नदी की प्राकृतिक धारा को मोड़कर खनन कार्य शुरू कर दिया है। अभी तक किसी भी अधिकारी ने इस पर कोई कार्रवाई करने की पहल नहीं की है। सिचाई विभाग के अधिकारी तो आंखों पर पट्टी बांध कर बैठे हैं। क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब यमुना की धारा को मोड़ दिया गया हो। इससे पहले भी कई बार मामला सामने आ चुका है। परंतु सिचाई विभाग के अधिकारी कुछ नहीं करते। यदि मौके पर जाते भी हैं तो कार्रवाई करने की बजाय चेतावनी देकर लौट जाते हैं। जबकि धारा के प्राकृतिक बहाव के लिए कुछ नहीं करते। क्षेत्र के लोगों की माने तो लगातार खनन क्षेत्र में नियम टूट रहे है। लेकिन अधिकारी आंखों पर गांधारी पट्टी बांधे बैठे है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने डीसी से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। यह है नियम

एनजीटी व सिचाई विभाग के नियमों के अनुसार यमुना नदी की धारा के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। यमुना नदी में बांध बनाना भी नियमों के खिलाफ है। लेकिन गुमथला घाट पर खनन एजेंसी लगातार ऐसा ही कर रही है। नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। यह नियम केवल कागजों तक सिमट चुके है। अधिकारी भी केवल कागजी कार्रवाई करते है उसके बाद स्थिति ज्यों की त्यों ही रहती है। मुख्यमंत्री व खनन मंत्री को भेजेंगे शिकायत :

हरियाणा एंटी करप्शन सोसाइटी अध्यक्ष अधिवक्ता वरयाम सिंह ने कहा कि लगातार खनन क्षेत्र में नियम टूटते रहते है। अधिकारी कार्रवाई करने के नाम पर केवल खानापूर्ति ही करते है। बरसाती सीजन के बाद जब से खनन कार्य शुरू हुआ है लगातार खनन एजेंसी नियम तोड़ रही है। जगह-जगह बांध बनाकर व यमुना नदी की धारा को प्रभावित किया जा रहा है। प्रशासन की ओर से इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। नियम टूटने से न केवल साथ लगते किसानों को नुकसान होता है बल्कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आसपास की आबादी का एरिया भी आने वाले दिनों में प्रभावित होगा। वह मामले को मुख्यमंत्री व खनन मंत्री के समक्ष उठाएंगे।

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