नेताजी के बस्ते की भीड़ से लगा हार-जीत का गणित, दिनभर समर्थकों से लेते रहे अपडेट

प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत के चुनाव के लिए हर वर्ग में उत्साह देखने को मिला। वोटिग शुरू होने पहले ही वोटर मतदान केंद्र पर पहुंचने शुरू हो गए। प्रत्याशियों के बस्तों पर नजारा देखने लायक था। चर्चाएं भी तरह-तरह की रही। भीड़ को देखकर लोग हार-जीत का अंदाजा लगाते रहे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 07:40 AM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 07:40 AM (IST)
नेताजी के बस्ते की भीड़ से लगा हार-जीत का गणित, दिनभर समर्थकों से लेते रहे अपडेट
नेताजी के बस्ते की भीड़ से लगा हार-जीत का गणित, दिनभर समर्थकों से लेते रहे अपडेट

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत के चुनाव के लिए हर वर्ग में उत्साह देखने को मिला। वोटिग शुरू होने पहले ही वोटर मतदान केंद्र पर पहुंचने शुरू हो गए। प्रत्याशियों के बस्तों पर नजारा देखने लायक था। चर्चाएं भी तरह-तरह की रही। भीड़ को देखकर लोग हार-जीत का अंदाजा लगाते रहे। जिसके बस्ते पर लोगों की भीड़ अधिक देखी, उसको जीता दिया और जहां कम देखे उनको हरा दिया। किसी की जमानत जब्त करवा दी तो किसी को भारी मतों से विजयी बना दिया। प्रत्याशियों के बस्तों पर लगी भीड़ ने दो दलों के बीच जबरदस्त मुकाबला बयां किया।

लगाते रहे चक्कर

हालांकि बड़े नेता बूथों पर कम ही दिखाई दिए, लेकिन उनके समर्थक अल सुबह ही घर से निकल पड़े। दिनभर अलग-अलग बूथ पर चक्कर लगाते रहे। समर्थकों के साथ सभी बूथों का दौरा कर अपडेट लिया। कई समर्थक अपने नेता को यही कहते हुए सुने गए कि साहब.. अपना माहौल अच्छा है। टेंशन मत लो..। जीत का मार्जिन अच्छा रहेगा। एक प्रत्याशी ने बताया कि चुनाव की टेंशन काफी थी। पूरी-पूरी रात जागकर प्रचार किया। बस अब तो परिणाम की चिता है।

सड़कें रहीं सुनसान

सामान्य दिनों में जिस सड़कों पर दिनभर वाहनों का दबाव रहता है, वह सड़कें सोमवार को सुनसान दिखाई दी। दोपहर तक बाजारों में भी रौनक कम रही। कई बूथों पर प्रत्याशी अपने वाहनों से मतदाताओं को घर से लेकर आए। कोई थ्री-व्हीलर से आया तो किसी को बाइक पर बैठाकर मतदान केंद्र तक लाया गया। बुजुर्गो को सहारा देकर मतदान केंद्र तक लाया गया, जबकि दिव्यांगों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा ने सहारा दिया। उनको मतदान केंद्र तक पहुंचाया गया।

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