नारेबाजी कर मार्केट कमेटी का किया घेराव, फिर हाईवे जाम के बाद लघु सचिवालय में डाली धान, शुरू हुई खरीद

पहले दिन ही धान की खरीद नहीं हो पाई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 06:20 AM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 06:20 AM (IST)
नारेबाजी कर मार्केट कमेटी का किया घेराव, फिर हाईवे जाम के बाद लघु सचिवालय में डाली धान, शुरू हुई खरीद
नारेबाजी कर मार्केट कमेटी का किया घेराव, फिर हाईवे जाम के बाद लघु सचिवालय में डाली धान, शुरू हुई खरीद

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

पहले दिन ही धान की खरीद नहीं हो पाई। आढ़ती व किसानों ने ठीकरा प्रशासनिक अधिकारियों के सिर फोड़ा। आरोप लगाया कि व्यवस्था में खामियां इतनी है कि किसान के लिए धान बेचना मुश्किल है। आढ़ती व किसानों ने एक सुर में व्यवस्था का विरोध किया। करीब 12 बजे एक नंबर दुकान पर खरीद के लिए पहुंचे मार्केट कमेटी व हैफेड एजेंसी के अधिकारियों को विरोध का सामना करना पड़ा। किसान के पास गेट पास न होने के कारण खरीदने से मना कर दिया गया। दूसरी ढे़री में भी ऐसा ही हुआ। किसान व आढ़ती गुस्सा हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। मंगलवार शाम पांच बजे भाकियू के प्रदेश संगठन सचिव हरपाल सिंह किसानों के साथ धान की ट्राली लेकर लघु सचिवालय परिसर में पहुंचे। अंदर वाले मुख्य गेट पर ट्राली खाली करने लगे। तभी एसपी कमलदीप गोयल ने किसानों को समझाया कि अनाज की इस तरह से बेकद्री मत करें। ये ठीक नहीं है। तब किसान रूके। विरोध के बीच केवल जगाधरी अनाज मंडी में ही खरीद शुरू हुई। जिले की अन्य 12 मंडियों में खरीद नहीं हो पाई। उधर, हरपाल सिंह ने कहा कि खरीद में वीरवार को कोई दिक्कत आई तो लघु सचिवालय में धान सुखाई जाएगी। उनका आरोप है कि किसानों को जानबूझ कर तंग किया जा रहा है। इनसेट

मार्केट कमेटी कार्यालय का घेराव

किसानों ने मार्केट कमेटी के कार्यालय की ओर कूच किया। यहां बाहर से दरवाजा बंद कर गेट पर बैठ गए। जो अधिकारी व कर्मचारी अंदर थे, वह अंदर ही रह गए जो बाहर थे वह बाहर। करीब आधा घंटा ऐसी ही स्थिति बनी रही। हालांकि मार्केट कमेटी के सचिव ऋषिराज ने किसानों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन नहीं माने। केवल इसी बात पर अड़े रहे कि यदि खरीद होगी तो सभी ढेरियों की होगी, अन्यथा नहीं। अधिकारियों का कहना था कि बिना गेट पास खरीद नहीं की जा सकती। यहां समाधान न होने पर किसानों ने कोर्ट के सामने पुराना नेशनल हाईवे की ओर रुख कर लिया। इनसेट

प्रशासन के फूल हाथ-पांव

आढ़ती व किसानों ने सड़क के बीचोबीच ट्रैक्टर-ट्रॉलियां खड़ी कर दी। दोनों ओर वाहनों की लाइनें लग गई। अचानक जाम लगा देने से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। बाद में नायब तहसीलदार ओम प्रकाश व डीएसपी सुभाष चंद प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे। उनको बताया कि सरकार के नियमों के मुताबिक ही धान की खरीद की जा रही है। उनको जाम खोलने के लिए कहा, लेकिन नहीं माने। इसलिए हो रहा है विरोध :

आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान संदीप कुमार, सुखदेव कांबोज व मनीष गुगलों का कहना है कि किसानों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। उनको औपचारिकताओं में उलझाया जा रहा है। फसल बेचने के लिए गेट पास नहीं कट रहे है। किसानों को एक दिन पहले खरीद के लिए मैसेज भेजा जा रहा है, अगले दिन किसान कैसे फसल तैयार कर मंडी में लेकर आ सकता है। ऐसे किसानों की संख्या भी कम नहीं है जिनके पास एक-एक क्विंटल धान की खरीद का मैसेज भेजा जा रहा है। किसान गेट पास कटवाने के लिए मार्केट कमेटी के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। इनसेट

अनाज मंडियों में धान की खरीद के लिए सरकार ने व्यवस्था बनाई है। गेट पास कटने के बाद उन्हीं किसानों का धान खरीदा जाएगा, जिनको मैसेज भेजा जा रहा है। मंडी के दोनों गेट पर गेट पास कट रहे हैं। आढ़ती इस बात की मांग कर रहे थे कि जिनके गेट पास नहीं हैं, उनकी फसल भी खरीदी जाए।

ऋषिराज, सचिव, मार्केट कमेटी।

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