फीस नहीं देने पर कॉलेज ने रोके रोल नंबर, छात्रों का सचिवालय पर धरना

फीस नहीं भरने पर महाराजा अग्रसेन कॉलेज जगाधरी ने कई छात्रों के रोल नंबर रोक लिए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 01:15 AM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 01:15 AM (IST)
फीस नहीं देने पर कॉलेज ने रोके रोल नंबर, छात्रों का सचिवालय पर धरना
फीस नहीं देने पर कॉलेज ने रोके रोल नंबर, छात्रों का सचिवालय पर धरना

जागरण संवाददाता, यमुनानगर: फीस नहीं भरने पर महाराजा अग्रसेन कॉलेज जगाधरी ने कई छात्रों के रोल नंबर रोक लिए। काफी बच्चे पेपर नहीं दे पाए। मंगलवार को भी पेपर है, लेकिन रोल नहीं मिला। इस पर गुस्साए छात्र सचिवालय पहुंच गए और गेट पर धरना देने बैठ गए। छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन मुर्दाबाद के नारे लगाए। बाद में डीसी ने कॉलेज के प्राचार्य को अपने कार्यालय में बुलाया। बातचीत होने के बाद प्राचार्य छात्रों को रोल नंबर देने को राजी हो गए।

छात्रों सचिन कांबोज, रजत, राहुल, अनिल, अमन, कुशविद्र, नीरज कुमार, साहिल कुमार, शुभम, सुमित कुमार, नितिन कुमार, मोंटी, अंजली, आरती, मधु, शिवानी, मुस्कान और सोनिया ने बताया कि वे महाराजा अग्रसेन कॉलेज में बीए, एमकॉम और बीकॉम में पढ़ते हैं। वर्ष 2018 में जब उन्होंने दाखिला लिया था तो उनसे एक शपथ पत्र लिया गया था। इसमें लिखा गया था कि उनकी फीस स्कॉलरशिप से ली जाएगी। इसलिए उन्होंने जीरो बैलेंस पर दाखिला लिया था, परंतु सरकार ने उनकी स्कॉलरशिप नहीं भेजी। इसलिए वे अपनी फीस नहीं भर पाए। परंतु कॉलेज प्रबंधन ने उनके रोल नंबर रोक दिए। इस कारण बीकॉम के काफी छात्र 20 अप्रैल को अपना मैनेजमेंट की पेपर नहीं दे पाए। मंगलवार दोपहर दो बजे उनका मेजरमेंट का पेपर है। वे प्राचार्य के पास गए तो उनसे कहा गया कि जब तक वे अपनी फीस नहीं भरेंगे उन्हें रोल नंबर नहीं दिए जाएंगे। वे उनके खातों के चेक मांग रहे हैं। जबकि उनके पास बैंक खातों के चेक नहीं हैं।

मंगलवार दोपहर वे संपूर्ण जागरूकता प्रोजेक्ट के प्रधान अमित कुमार के नेतृत्व में सचिवालय पहुंचे और नारेबाजी की। वे डीसी आमना तस्नीम से भी मिले। इस पर डीसी ने प्राचार्य को अपने कार्यालय में बुलाया।

बातचीत के बाद अमित कुमार ने बताया कि डीसी ने प्राचार्य को सभी के रोल नंबर जारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके बदले में मंगलवार को सभी छात्रों को 500-500 रुपये कॉलेज में जमा कराने होंगे। ये पैसे कॉलेज ने छात्रों के खातों पर खर्च किए हैं। साथ ही एक शपथ भी देना होगा की जब स्कॉलरशिप आएगी तो वे उसमें से अपनी फीस कॉलेज में जमा करा देंगे। इस पर सभी छात्र कॉलेज में चले गए।

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