15 हजार क्विंटल पराली की गांठ बनाने पर 60 लाख खर्च, अब पेमेंट व खरीद से शुगर मिल मुकरी

फसल अवशेष प्रबंधन पर सरकार जोर दे रही है लेकिन व्यवस्था में खोट के कारण लोगों को याुजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 07:30 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 07:30 AM (IST)
15 हजार क्विंटल पराली की गांठ बनाने पर 60 लाख खर्च, अब पेमेंट व खरीद से शुगर मिल मुकरी
15 हजार क्विंटल पराली की गांठ बनाने पर 60 लाख खर्च, अब पेमेंट व खरीद से शुगर मिल मुकरी

संजीव कांबोज, यमुनानगर : फसल अवशेष प्रबंधन पर सरकार जोर दे रही है, लेकिन व्यवस्था में खोट अभियान में बड़ी बाधा बन रही है। अंबली के किसान रमनदीप सिंह वालिया के साथ ऐसा ही हुआ। सीजन में अधिकारियों ने बड़े सब्जबाग दिखाए। प्रभावित होकर किसान ने क्षेत्र के किसानों के खेतों से 15 हजार क्विंटल पराली की गांठें बनवाई। नारायणगढ़ शुगर मिल ने 180 रुपये प्रति क्विंटल की दर से इसे खरीद का एग्रीमेंट किया। लेकिन अब मिल ने इसे खरीदने से इंकार कर दिया। मिल की ओर से किसान को दिया जाने वाला करीब 13 लाख रुपये पेंडिग है। किसान का कहना है कि अधिकारियों के कहने पर ही उन्होंने यह शुरुआत की थी, लेकिन अब सहयोग नहीं मिल रहा है। बता दें कि डीसी मुकुल कुमार ने स्वयं खेतों का दौरा कर इस कार्य की सराहना की थी। किसानों को प्रबंधन के लिए प्रेरित किया था। हर कार्यक्रम में इनके नाम का चर्चा कृषि विभाग के अधिकारी भी करते थे। तीन लाख की सुतली लगी, सात ट्रैक्टरों से किया काम

किसान रमनदीप सिंह ने बताया कि पराली के प्रबंधन के लिए उन्होंने सभी संसाधन जुटाए। गांठें बांधने के लिए तीन लाख रुपये की सुतली लग गई। सात ट्रैक्टरों की व्यवस्था की। छह लाख रुपये लेबर पर खर्च आ गया और करीब ढाई लाख रुपये ट्रैक्टरों ड्राइवरों को दिए। ऐसे में कुल काम पर कुल 60 लाख रुपये खर्च किए। डीसी ने स्वयं ट्रैक्टर पर बैठकर उनके खेत का दौरा का भी किया था। तीन गांवों को किया पॉल्यूशन फ्री

रमनदीप के मुताबिक उन्होंने किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया। खानपुर, कांदली व गधौली गांव को पॉल्यूशन फ्री किया। इन तीन गांवों में एक भी किसान ने पराली नहीं जलाई। जमीन ठेके पर लेकर उसमें पराली की गांठें रखी गईं। फरवरी में जमीन के मालिक ने भी खाली करने के लिए कह दिया। उसके बाद औने-पौने दामों में कुछ पराली उप्र में भी भेजी, लेकिन खर्च भी पूरा नहीं हो पाया। इस काम में उसको पूरी तरह घाटा हाथ लगा है। सरकार करे व्यवस्था

भारतीय किसान संघ के जिला प्रधान पिंटू राणा का कहना है कि यह सरकार की कमी है। फसल अवशेषों के प्रबंधन पर सरकार जोर दे रही है, लेकिन जो किसान सहयोग कर रहे हैं, उनका सहयोग नहीं किया जा रहा है। रमनदीप ने दिनरात मेहनत कर पराली को जलने से बचाया। किसान संघ का प्रतिनिधिमंडल मिल अधिकारियों से भी मिलेगा। यदि प्रबंधन के लिए किसानों को सहयोग नहीं मिलेगा तो फसल अवशेषों को जलाना उनकी मजबूरी होगी। जल्द करेंगे किसान की समस्या का समाधान

रमनदीप ने फसल अवशेष प्रबंधन के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। उसकी पेमेंट व एग्रीमेंट के बारे में नारायणगढ़ शुगर मिल के एमडी से पिछले दिनों मेरी बात हुई थी। यदि समाधान नहीं हुआ है तो दोबारा बात करेंगे। जल्दी ही इस समस्या का समाधान करवा दिया जाएगा।

मुकुल कुमार, डीसी, यमुनानगर।

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