सरस्वती नदी की पवित्र धारा से प्रकट हुआ शिवलिग काली माता मंदिर में विराजमान

प्राचीन एवं ऐतिहासिक काली माता मंदिर के प्रांगण में लगभग

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 05:54 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 06:18 AM (IST)
सरस्वती नदी की पवित्र धारा से प्रकट हुआ शिवलिग काली माता मंदिर में विराजमान
सरस्वती नदी की पवित्र धारा से प्रकट हुआ शिवलिग काली माता मंदिर में विराजमान

संवाद सहयोगी, बिलासपुर :

प्राचीन एवं ऐतिहासिक काली माता मंदिर के प्रांगण में लगभग 180 साल पुराना प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है। सावन माह में यहां पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से कम ही श्रद्धालु आ रहे हैं।

यह है इतिहास :

मान्यता है कि श्री शिव मंदिर में लगभग 180 वर्ष पूर्व एक संत महात्मा ने सरस्वती नदी की पवित्र धारा से शिवलिग को निकालकर स्थापित किया था। संत महात्मा कस्बा के समीप सरस्वती नदी किनारे तप किया करते थे। एक दिन अचानक नदी में उफान आने के बाद नदी में शिवलिग प्रकट हुआ। जिसको महंत ने मंदिर प्रांगण में पूरे विधि विधान व मंत्रों उच्चारण के साथ स्थापित किया। इसके बाद से ही यहां पर शिव मंदिर स्थापित कराया गया। अब इस मंदिर की महत्ता पूरे क्षेत्र में है।

कोरोना की वजह से कम पहुंचे श्रद्धालु

मंदिर के महंत कृष्ण वशिष्ठ ने बताया कि कोरोना की वजह से मंदिर में कम ही श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं से भी अपील की जा रही है कि वह मंदिर में मास्क लगाकर ही आए। इस महामारी में सभी को ध्यान रखना है। मंदिर में जो भी श्रद्धालु आ रहा है। उसके लिए गेट पर ही सैनिटाइजर रखा हुआ है। हाथों को साफ करने के बाद ही एंट्री दी जा रही है। इसके अलावा यदि कोई बिना मास्क के मंदिर में आता है, तो उसे मास्क दिया जाता है।

श्रद्धालु रवि भूषण ने बताया कि इस मंदिर की काफी मान्यता है। इसलिए वह सावन माह में हर रोज मंदिर में आते हैं और शिवलिग पर जल चढ़ाते हैं। यहां पर सावन माह में जलाभिषेक करने से सभी पाप दूर होते हैं। घर में खुशहाली आती है।

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