कोरोना से जंग में मानव संसाधनों की कमी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं स्टाफ

कोरोना के बढ़ते केसों की वजह से स्वास्थ्य विभाग को अतिरिक्त व्यवस्था फेल साबित हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 07:19 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 07:19 AM (IST)
कोरोना से जंग में मानव संसाधनों की कमी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं स्टाफ
कोरोना से जंग में मानव संसाधनों की कमी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं स्टाफ

जागरण संवाददाता, यमुनानगर

कोरोना के बढ़ते केसों की वजह से स्वास्थ्य विभाग को अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बेड लगाए गए हैं। जिससे आपातकालीन स्थिति में मरीजों को यहां पर शिफ्ट किया जा सके। फिलहाल बिलासपुर व छछरौली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ही कोविड सेंटर बनाए गए हैं। यहां पर साधारण लक्षणों वाले कोरोना संक्रमितों को दाखिल किया जा रहा है। हालांकि कोरोना से जंग में स्टाफ का टोटा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डाक्टरों से लेकर स्टाफ नर्स व बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारियों तक के पद खाली पड़े हुए हैं।

जिले में रादौर, बिलासपुर, सरस्वतीनगर, प्रतापनगर, साढौरा, छछरौली व नाहरपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें से बिलासपुर में 25 बेड व छछरौली में 30 बेड का कोविड सेंटर अलग से बनाया गया है। इसके अलावा रादौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 10 बेड, साढौरा, सरस्वतीनगर व प्रतापनगर में 10-10 बेड की व्यवस्था की गई है। ताकि आपातकालीन स्थिति में मरीज को यहां पर रखा जा सके। हालांकि इन केंद्रों पर साधारण लक्षणों वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को ही रखा जाएगा। यदि होम आइसोलेशन में किसी मरीज को दिक्कत आती है, तो उसे यहां पर दाखिल किया जा सकता है। इसी तरह से छछरौली व बिलासपुर में भी कोविड अस्पताल से उन मरीजों को शिफ्ट किया जाता है, जिनकी हालत में सुधार होता है। छछरौली में 14 मरीज और बिलासपुर में 25 मरीज इस समय दाखिल हैं।

स्टाफ की काफी कमी

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टाफ की काफी कमी है। जो स्टाफ है, वह सैंपलिग, कोविड वैक्सीनेशन समेत अन्य कार्याें में लगा हुआ है। डाक्टरों की काफी कमी है, क्योंकि इन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से भी चिकित्सकों की ड्यूटी कोविड अस्पताल में लगी हुई है। जिस वजह से व्यवस्था बिगड़ रही है। इसके साथ अन्य स्टाफ की अलग-अलग जगहों पर ड्यूटी पर लगी रहती है। जिससे समस्या बढ़ रही है। बिलासपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक की ड्यूटी कोविड में लगी हुई है। जबकि एक चिकित्सक एक माह पहले ही कोविड अस्पताल में ड्यूटी से वापस लौटा है। साढौरा से एक चिकित्सक की ड्यूटी कोविड अस्पताल में लगी हुई है। दो डाक्टर डेपूटेशन पर हैं। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भी काफी कमी है। यह है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टाफ की स्थिति :

बिलासपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-

पद - स्वीकृत - भरे हुए - खाली

एसएमओ - 1 - 1 - 0

डाक्टर - 6 - 2 - 4

स्टाफ नर्स - 10 - 8 - 2

लैब टेक्नीशियन- 1 - 0 - 0

फार्मासिस्ट - 2 - 1 - 1

एमपीएचडब्ल्यू पुरुष-18 -7 -11

एमपीएचडब्ल्यू महिला- 36- 24- 12

सरस्वतीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-

एसएमओ - 1 - 1 - 0

डाक्टर - 7 - 3 - 4

स्टाफ नर्स - 8 - 1 - 7

लैब टेक्निशियन-1 - 0 - 1

एएनएम - 6 - 0 - 6

डेंटल सर्जन - 1 - 1 - 1

साढौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-

एसएमओ -1 - 1 -0

डाक्टर - 7 - 3 - 4

स्टाफ नर्स -8 - 2 - 6

फार्मासिस्ट - 3 - 0 -3

डेंटल सर्जन - 1 - 1 - 1

एएनएम - 5 - 0 -5

लैब टेक्निशियन-1 - 0 -1

नाहरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-

मेडिकल आफिसर - 3 - 3 -0

डेंटल सर्जन -1 - 0 -1

फार्मासिस्ट - 1 - 0 -1

स्टाफ नर्स - 2 - 0 -2

एमपीएचडब्ल्यू वर्कर-2 - 0 - 2

स्वीपर - 1 - 0 -1

लैब टेक्निशियन - 1 - 0 -1

रादौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र -

एसएमओ - 1 -1 - 0

मेडिकल आफिसर - 2 -1 -1

फार्मासिस्ट -1 -1 - 0

लैब टेक्निशियन - 1 -1 -0

स्टाफ नर्स - 2 - 0 -2

एमपीएचडब्ल्यू वर्कर -14 -2 - 12

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