पहले पता लगा कि सड़क हादसे में मौत हुई है, बाद में पुलिस ने बताया कि गोली मारकर हत्या की गई

बैंक कालोनी निवासी 52 वर्षीय सतीश कुमार की अंबाला में गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह खुद की टाटा एस चलाते थे। शुक्रवार की रात करीब साढ़े आठ बजे उन्हें यहां माया पैलेस के सामने टैक्सी स्टैंड से एक युवक सामान लेने की बात कहकर अंबाला लेकर गया था। रात करीब साढ़े दस बजे परिवार के लोगों को पुलिस से उनकी मौत का पता लगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 06:21 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 06:21 AM (IST)
पहले पता लगा कि सड़क हादसे में मौत हुई है, बाद में पुलिस ने बताया कि गोली मारकर हत्या की गई
पहले पता लगा कि सड़क हादसे में मौत हुई है, बाद में पुलिस ने बताया कि गोली मारकर हत्या की गई

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

बैंक कालोनी निवासी 52 वर्षीय सतीश कुमार की अंबाला में गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह खुद की टाटा एस चलाते थे। शुक्रवार की रात करीब साढ़े आठ बजे उन्हें यहां माया पैलेस के सामने टैक्सी स्टैंड से एक युवक सामान लेने की बात कहकर अंबाला लेकर गया था। रात करीब साढ़े दस बजे परिवार के लोगों को पुलिस से उनकी मौत का पता लगा। मृतक के बेटे विक्की कुमार ने बताया कि रात को पुलिस का फोन आया था। पुलिस ने सड़क हादसे में पिता की मौत के बारे में बताया। यह भी कहा कि हादसा करने वाला चालक गाड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गया है। इसके कुछ देर बाद फिर फोन आया कि गोली मारकर हत्या की गई है। यह सुनते ही परिवार सदमे में आ गया। रात को ही परिवार के लोग अंबाला पहुंच गए।

30 साल से रह रहा था यमुनानगर :

मृतक सतीश कुमार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर के गांव पथराला के रहने वाले थे। करीब 30 साल पहले वह यहां आए थे। पहले वह लकड़ी का कार्य करते थे। अब 17 साल से टाटा एस चला रहे थे। परिवार में तीन बेटे व एक बेटी है। सभी की शादियां हो चुकी है। एक बेटा संदीप भी टाटा एस चलाता है।

बेटे ने कहा था कि मैं चला जाता हूं सामान लेने :

अंबाला जाने से पहले सतीश कुमार ने अपने घर फोन कर बताया था। जिस पर उनके बेटे संदीप ने कहा था कि सामान लेने के लिए वह चला जाता है, लेकिन सतीश कुमार जल्दी ही आने की बात कहकर चले गए थे। मृतक के बेटे विक्की ने बताया कि टैक्सी स्टैंड पर अन्य चालकों से पता लगा कि गाड़ी को एक युवक यहां से बुक कर ले गया था। दो युवकों को जगाधरी से गाड़ी में बैठाया था। यह अभी पता नहीं लग सका कि उन्हें ले जाने वाले दोनों युवक कौन थे। उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। कभी किसी से कोई विवाद तक नहीं हुआ था। वहीं उसके दोस्त मोनू, दीपू व अरविद्र का कहना है कि सतीश करीब सात बजे यहां से गाड़ी लेकर गया था। यहां से एक व्यक्ति उसके साथ गाड़ी में गया था।

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