ह्रदय में विजराजमान हैं परमात्मा : सदानंद

श्री कृष्ण प्रणामी सेवा समिति की ओर से भागवत भास्कर पूज्य श्रद्धेय संत शिरोमणि सदानंद महाराज के पावन सान्निध्य में 16

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Nov 2018 05:39 PM (IST) Updated:Thu, 29 Nov 2018 10:59 PM (IST)
ह्रदय में विजराजमान हैं परमात्मा : सदानंद
ह्रदय में विजराजमान हैं परमात्मा : सदानंद

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : श्री कृष्ण प्रणामी सेवा समिति की ओर से भागवत भास्कर पूज्य श्रद्धेय संत शिरोमणि सदानंद महाराज के पावन सान्निध्य में 1687 वीं संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ का शुभारंभ हुआ। मौके पर समिति की ओर से भव्य शोभा यात्रा का आयोजन ट्विन सिटी स्थित जब्बी वाले गुरुद्वारा साहिब, मॉडल टाउन से शुरू होकर संत शिरोमणि सदानंद महाराज की पावन उपस्थिति में किया गया।

सदानंद महाराज ने कहा कि हम जिस परमात्मा को प्राप्त करने के लिए दूर-दराज स्थानों पर जाते हैं, लेकिन हमें फिर भी उस परमात्मा की प्राप्ति नहीं होती। हम फिर से थक हारकर वापस अपनी मंजिल को आ जाते हैं। वह परम परमात्मा हमारे ह्रदय स्वरूप में विराज मान है। जिसे हम देखकर नहीं, बल्कि महसूस करके प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि परमात्मा एक है व उसके स्वरूप तथा नाम अलग-अलग अनेक हैं। समिति सदस्य मनीष अग्रवाल ने बताया कि इस कथा का मुख्य उद्धेश्य मानव जीवन का कल्याण करना है।

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