योग प्राणायाम से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चमरोड़ी में योगा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 07:10 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 07:10 AM (IST)
योग प्राणायाम से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
योग प्राणायाम से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

संवाद सहयोगी, रादौर:

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चमरोड़ी में योगा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें पीटीआइ रोहित अरोड़ा ने छात्रों व अध्यापकों को अनुलोम विलोम, कपालभाति, वज्रासन, ताड़ासन, सूर्य नमस्कार, भ्रामरी, तितली आसन, वृक्षासन इत्यादि का अभ्यास करवाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य हरजिद्र सिंह ने की। इस दौरान साधकों को प्राणायाम व आसनों के लाभ व योग करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे विस्तार से जानकारी दी। रोहित अरोड़ा ने कहा कि योग प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है। साथ ही उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए सबसे उत्तम और सरल भी है। हमें प्रतिदिन एक घंटा योग अवश्य करना चाहिए। प्रिसिपल हरजिद्र सिंह ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा का निवास होता है। इसलिए मनुष्य को अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कार्य करना चाहिए। इस मौके पर संजीव कुमार, अमित, पुनीत चौधरी, संत कुमार, महावीर, राजेश कुमार, अनु, पुनीता, प्रवीन कुमार, सोनू कुमार, दिनेश कुमार व सतीश कुमार इत्यादि मौजूद थे। विद्यार्थियों व अध्यापकों ने सीखा योगासन

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मंडौली में प्रधानाचार्य हुकम सिंह की अध्यक्षता में पीटीआई अध्यापक पवन कुमार ने बच्चों को व अध्यापकों को योगासन सिखाए। हुकम सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग के आदेशानुसार हर महीने की पहले शनिवार को योगा व आसन अध्यापकों को सिखाए जाएंगे ताकि वह स्वस्थ रहें और योग के महत्व को समझें। पहला सुख निरोगी काया व स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा निवास करती है।

अध्यापक महेंद्र सिंह कलेर ने सभी को योगासन के लाभ बताएं। सभी अध्यापकों ने मिलकर योगासन किए तथा नियमित योगासन करने का संकल्प भी लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की सराहनीय पहल है। इससे बच्चे व अध्यापक योग से जुड़़ेंगें तथा नियमित योगासन करके स्वास्थ्य लाभ लेंगे। योग करते रहने से किसी भी प्रकार का रोग, शोक, संताप, तनाव, अनिद्रा व बीमारी पास नहीं फटकती है। यदि आपके पास योगासन करने का समय नहीं है तो सूर्य नमस्कार करने ही फिट रह सकते हैं। अध्यापकों को ताड़ासन, सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, उष्ट्रासन, भुजंगासन, गोमुखासन, वज्रासन सिखाए गए।

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