रोड सेफ्टी मीटिग में कर्मचारियों को भेज रहे एचओडी, पूछने पर नहीं दे पाते जवाब, एटीआर भी नहीं दे रहे अधिकारी

- डीसी कार्यालय में सड़क सुरक्षा की खामियों को दूर करने पर हुई चर्चा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 06:50 AM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 06:50 AM (IST)
रोड सेफ्टी मीटिग में कर्मचारियों को भेज रहे एचओडी, पूछने पर नहीं दे पाते जवाब, एटीआर भी नहीं दे रहे अधिकारी
रोड सेफ्टी मीटिग में कर्मचारियों को भेज रहे एचओडी, पूछने पर नहीं दे पाते जवाब, एटीआर भी नहीं दे रहे अधिकारी

- डीसी कार्यालय में सड़क सुरक्षा की खामियों को दूर करने पर हुई चर्चा जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

रोड सेफ्टी की मीटिग में खुद न आकर कर्मचारियों को भेजना और मीटिग में नहीं आने का बहाना अब नहीं चलेगा। मंगलवार को डीसी मुकुल कुमार की अध्यक्षता में हुई रोड सेफ्टी की मीटिग में एडीसी कम आरटीए ने देखा कि मीटिग में विभागों के एचओडी की जगह दूसरे कर्मचारी आए तो उन्होंने इस पर कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने अपने कार्यालय के स्टाफ को सभी विभागों को पत्र लिखने के आदेश देते हुए कहा कि अगली मीटिग से ऐसा नहीं चलेगा। जिस विभाग का जो एचओडी है वही मीटिग में आएगा। वे अपनी जगह दूसरे कर्मचारियों को भेज देते हैं जिन्हें यही पता नहीं होता कि उनके कार्यालय के कौन-कौन से काम होने हैं। कइयों को तो ये भी नहीं पता कि वे इस कार्य को कर सकते हैं या नहीं। इसलिए इन सभी को आरटीए कार्यालय की तरफ से पत्र लिखा जाएगा। विभाग नहीं दे रहे एटीआर :

मीटिग में ये भी मामला उठा मीटिग में तो अधिकारी व कर्मचारी हां में हां करके चले जाते हैं। परंतु उन्होंने धरातल पर क्या काम किया है इसकी कोई एक्शन टेकन रिपोर्ट ( एटीआर) नहीं भेजी जाती। जिस कारण पता ही नहीं चल पता कि जिन दुर्घटना संभावित जगहों पर काम होने थे वहां कुछ हुआ या नहीं। जबकि आरटीए कार्यालय की तरफ से इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजनी होती है। नगर निगम ने तो आज तक कोई रिपोर्ट भेजी ही नहीं। ये भी नहीं पता कि निगम अधिकारियों ने कोई काम किया है या नहीं। परंतु अब ऐसा नहीं चलेगा। जिन विभागों को जो काम सौंपा जाए उसे वह हर हाल में करना है। घायल को अस्पताल पहुंचाने पर मिलेगा सम्मान :

सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने पर अब पुलिस विभाग की तरफ से एक हजार रुपये नकद व प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। हालांकि पहले भी यह राशि दी जाती थी लेकिन 500 रुपये थी। बाद में यह राशि देना बंद कर दिया गया। एडीसी रणजीत कौर ने कहा कि घायल को लोग अस्पताल इसलिए नहीं पहुंचाते क्योंकि पुलिस उन्हें सवाल-जवाब कर परेशान करते हैं इसलिए लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाना कम कर दिया। डीसी मुकुल कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। यदि घायल को तुरंत अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो इससे उसकी जान बच सकती है। पुलिस के पास इसका फंड आता है। इसलिए अब घायल की मदद करने वाले को एक हजार रुपये व प्रशंसा पत्र दिया जाएगा। रेहड़ियों से लग रहा जाम :

सड़कों पर रेहड़ी लगाकर लोग सामान बेच रहे हैं। लोगों को वाहन पार्क के लिए जगह नहीं मिलती और वे सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर चले जाते हैं। जिससे सड़क पर जाम लग रहा है। अब आने वाले दिन त्योहारों के हैं। इसलिए मीटिग में निर्णय लिया गया कि रेलवे स्टेशन रोड, वर्कशाप रोड, जगाधरी व अन्य जगहों पर सड़कों से रेहड़ी को हटाकर इसी जगहों पर लगाया जाए जहां पार्किंग की व्यवस्था हो। इसके लिए निगम को जगहों का चयन करने को कहा गया। इन पर भी लिया गया निर्णय :

इसके अलावा मीटिग में लक्कड़ मंडी में आने वाली ट्रैक्टर-ट्रालियों पर रिफ्लेक्टर लगाने, सड़कों पर नियमानुसार कैटआइ एवं सेंटर लाइन, एज लाइन लगाने के आदेश दिए गए। बाजारों में सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण को हटाने, सर्दी आने से पहले सड़कों के किनारे खड़े पेड़ों की ट्रिमिग करने, दुर्घटना संभावित बिदुओं की कमेटी बनाकर जांच करने के आदेश भी दिए। मौके पर जीएम रोडवेज लेखराज, पीडब्ल्यूडी एक्सइएन ऋषि सचदेवा, नगर निगम के कार्यकारी अभियंता रवि ओबराय, मार्केटिग बोर्ड के एक्सइएन अतुल प्रकाश, डीईओ नमिता कौशिक, ट्रैफिक एसएचओ अजीत सिंह, राज्य सड़क सुरक्षा परिषद हरियाणा के सदस्य सुशील आर्य समेत अन्य मौजूद रहे।

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