ओलिपिक में जीत से हाकी को मिलेंगे नए खिलाड़ी, आधुनिक सुविधाओं की जरूरत : हरजीत कौर

ओलिपिक खेलों में भारतीय हाकी टीम का मेडल जीतना कोई आम बात नहीं है। इस जीत से हाकी के खिलाड़ियों में एक नए जोश का संचार होगा। इसका अंदाजा उसी वक्त लग गया था जब भारतीय टीम की जीत के बाद वीरवार सुबह ही मेरे पास कुछ बच्चे आए और कहने लगे की वह भी हाकी सीखना चाहते हैं। यह सुनते ही वह हैरान रह गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 07:25 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 07:25 AM (IST)
ओलिपिक में जीत से हाकी को मिलेंगे नए खिलाड़ी, आधुनिक सुविधाओं की जरूरत : हरजीत कौर
ओलिपिक में जीत से हाकी को मिलेंगे नए खिलाड़ी, आधुनिक सुविधाओं की जरूरत : हरजीत कौर

फोटो : 30

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : ओलिपिक खेलों में भारतीय हाकी टीम का मेडल जीतना कोई आम बात नहीं है। इस जीत से हाकी के खिलाड़ियों में एक नए जोश का संचार होगा। इसका अंदाजा उसी वक्त लग गया था जब भारतीय टीम की जीत के बाद वीरवार सुबह ही मेरे पास कुछ बच्चे आए और कहने लगे की वह भी हाकी सीखना चाहते हैं। यह सुनते ही वह हैरान रह गई। यह जीत आने वाले दिनों में बड़े बदलाव का कारण बनेगी। यह कहना है कि जिले की हाकी कोच व नेशनल खेलों में गोल्ड मेडल विजेता हरजीत कौर का। भाटिया नगर में रहने वाली हरजीत कौर आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडल, सीनियर नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं।

हरजीत कौर का कहना है कि भारतीय टीम ने 41 साल का सूखा खत्म किया है। पुरुषों की हाकी टीम ने ओलिपिक खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया है। भारतीय महिला हाकी टीम भी अब तक बहुत अच्छा खेली है। वर्ष 2016 के बाद पहली बार महिला टीम ने क्वालीफाई किया। यदि हाकी को आगे तक ले जाना है तो खिलाड़ियों को अधिक सुविधाएं देनी होगी। क्योंकि पहले हाकी केवल साधारण घास वाले ग्राउंड पर खेली जाती थी। इसके बाद एस्ट्रोटफ ग्रास के ग्राउंड हुए। ओलिपिक के सभी खेल केवल एस्ट्रोटफ ग्राउंड में हुए। इसलिए खिलाड़ियों को शुरु से ही एस्ट्रोटफ पर खेलने की आदत डालनी होगी। वहीं, पहले लोग राष्ट्रीय खेल होने के बावजूद हाकी को ज्यादा महत्व नहीं देते थे। जब तक सोच नहीं बदलेगी तब तक कोई भी खेल आगे नहीं बढ़ पाएगा। अब लोगों की सोच में बड़ा फर्क आएगा। यह सही है कि जीत के बाद खिलाड़ियों का प्रोत्साहन होना चाहिए। परंतु यही सुविधा खिलाड़ियों को यदि शुरू से मिलने लगे तो काफी संख्या में अच्छे खिलाड़ी ओलिपिक खेलों के लिए तैयार किए जा सकते हैं। इस बार दोनों टीमों में ज्यादातर वह खिलाड़ी हैं जो पहली बार ओलिपिक में हिस्सा ले रहे हैं। यमुनानगर में भी ग्राउंड है लेकिन इसमें काफी सुधार की जरूरत है। यहां भी रोजाना 100 से ज्यादा खिलाड़ी हाकी सीखने के लिए आ रहे हैं।

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