कोरोना महामारी के बीच मलेरिया को भूला स्वास्थ्य विभाग

कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य विभाग इस बार मलेरिया को भूल गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 07:41 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 07:41 AM (IST)
कोरोना महामारी के बीच मलेरिया को भूला स्वास्थ्य विभाग
कोरोना महामारी के बीच मलेरिया को भूला स्वास्थ्य विभाग

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य विभाग इस बार मलेरिया को भूल गया है। यही वजह है कि इस बार अभियान धीमा रहा। मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में होने वाला सर्वे भी गति नहीं पकड़ पाया है। हालांकि अभी तक जिले में मलेरिया का कोई केस नहीं मिला है। स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के मुताबिक, अभी तक करीब साढ़े चार हजार घरों का सर्वे हुआ है। जिसमें 70 कूलर और 3800 टैंकों की जांच हुई है। करीब नौ हजार गमलों की जांच की गई है। अभी तक कही पर कोई लारवा नहीं मिलने का दावा किया जा रहा है।

बरसात के सीजन से पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर वर्ष लोगों को मलेरिया व डेंगू से बचाव के लिए अभियान चलाया जाता है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों के घरों में भी चेकिग करती है। यदि कही पर जमा पानी में डेंगू या मलेरिया का लारवा मिलता है, तो उन्हें नोटिस भी दिए जाते हैं। मई से यह अभियान शुरू किया जाता है। मलेरिया से निपटने के लिए हर वर्ष घरों में इंडोर रेस्डोल स्प्रे (आइआरएस) शुरू किया जाता है। सक्षम युवाओं के जरिए यह अभियान चलाया जाता है। इस बार सक्षम युवाओं की भर्ती की गई, लेकिन अभी तक आइआरएस शुरू नहीं हुआ है। जागरूकता अभियान भी नहीं चले

इस बार स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी में लगा रहा। इसके साथ ही जागरूकता अभियान भी नहीं चलाए जा सके। गत वर्ष स्वास्थ्य विभाग की ओर से मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों के सरपंचों से बात कर पंपलेट बंटवाए थे। इस बार कोरोना की दूसरी लहर बेहद खतनाक रही। जिस वजह से अन्य अभियानों पर स्वास्थ्य विभाग ध्यान नहीं दे सका। इन क्षेत्रों में चलाया जाना था विशेष अभियान

कलेसर, बांबेपुर, टिबडिया, फैजपुर, ताजेवाला, अहडवाला, नागल पत्ती, चांदपुर, भूड़कलां, मांडेवाला, भूडखुर्द, डोईवाला, मानकपुर, बल्लेवाला, दादूपुर हैड, टापू माजरी, चूहडपुर, मानीपुर, कलानौर, बक्करवाला, प्रतापनगर में मलेरिया से बचाव के लिए विशेष अभियान चलाया जाना है। इन जगहों को सबसे अधिक मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में शामिल किया गया है, लेकिन यहां पर भी कोई अभियान नहीं चला। यह स्थिति मलेरिया के केसों को

वर्ष - केस

2015 - 603

2016 -508

2017 -266

2018 -97

2019 - 21

2020 - 03 कोट्स :

जिला मलेरिया अधिकारी डा. वागीश गुटैन ने बताया कि जिले को मलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। गत वर्ष मात्र तीन केस मिले थे, लेकिन अभी खतरा टला नहीं है। मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों को चिहित कर लिया गया है। वहां पर अभियान चलाया जा रहा है। घरों का सर्वे किया जा रहा है। अभी तक कही पर कोई लारवा नहीं मिला है।

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