बच्चों ने रैली निकाल कर दिया मातृभाषा का संदेश

जागरण संवाददाता यमुनानगर राजकीय प्राथमिक पाठशाला नंबर आठ रामपुरा में बृहस्पतिवार को

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 08:54 PM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 01:57 AM (IST)
बच्चों ने रैली निकाल कर दिया मातृभाषा का संदेश
बच्चों ने रैली निकाल कर दिया मातृभाषा का संदेश

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : राजकीय प्राथमिक पाठशाला नंबर आठ रामपुरा में बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। बच्चों ने स्लोगन, भाषण और ड्राइंग प्रतियोगिता में भाग लेकर अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का संदेश दिया। इसके उपरांत रैली निकालकर लोगों को मातृभाषा के प्रति प्रेम का संदेश दिया गया। रैली में विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों ने भी भाग लिया। रैली रामपुरा व ग्रीन पार्क में निकाली गई।

स्कूल इंचार्ज महेंद्र ¨सह कलेर ने कहा कि विश्व को आज अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाते हुए 19 वर्ष हो गए हैं। भारत के पड़ोसी बांग्लादेश को अपनी मातृभाषा बांग्ला के प्रति समर्पण ने मातृभाषा दिवस जैसी संकल्पना को विश्व के समक्ष अवतरित होने पर विवश कर दिया था। 1948 में पाकिस्तान सरकार ने उर्दू को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया और आज का बांग्लादेश उस समय का पूर्वी पाकिस्तान हुआ करता था। 21 फरवरी 1952 को ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सम्मलित रूप से तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की इस भाषायी नीति का कड़ा विरोध करते हुए अपनी मातृभाषा बांग्ला के अस्तित्व की रक्षा के लिए प्रदर्शन किए। पाकिस्तान पुलिस ने बड़ी ही बेरहमी से प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। न जाने कितने विद्यार्थी अपनी मातृभाषा बांग्ला के लिए बलिदान हो गए। 29 फरवरी 1956 को पाकिस्तान सरकार को बांग्ला भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा देना पड़ा। मातृभाषा विजयी हुई और इस तरह 1952 में भाषा आंदोलन के दौरान अपनी मातृभाषा के लिए शहीद हुए युवाओं की स्मृति में यूनेस्को ने 1999 में 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। मौके पर अनिल कंबोज, प्रमोद कुमार, सतीश कुमार, सुशील बजाज, अशोक मक्कड़, संगीता, खूशबू, जेएस पंवार उपस्थित थे।

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