पौधे बांटकर हर घर में हरियाली का संदेश दे रही हरविद्र कौर

जगाधरी की अमर विहार कालोनी निवासी हरविद्र कौर गृहिणी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:14 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:14 AM (IST)
पौधे बांटकर हर घर में हरियाली का संदेश दे रही हरविद्र कौर
पौधे बांटकर हर घर में हरियाली का संदेश दे रही हरविद्र कौर

अवनीश कुमार, यमुनानगर : जगाधरी की अमर विहार कालोनी निवासी हरविद्र कौर गृहिणी हैं। उन्हें पेड़ पौधों का काफी शौक है। घर पर भी तरह-तरह के पौधे लगाए हुए हैं। इसलिए उन्होंने शौक को पर्यावरण संरक्षण का अभियान बना लिया है। वह लोगों को पौधे बांटकर पेड़ों को बचाने की मुहिम चला रही हैं। इसके साथ ही इन पौधों के फायदे भी वह बताती हैं। वह पीपल, आम, नीम, तुलसी, अरहड़, अर्जुन हर तरह के पौधे निश्शुल्क बांटती हैं। कुछ पौधे वह खुद तैयार करती हैं, तो कुछ वह नर्सरी से खरीदकर लोगों को देती हैं। उनका मानना है कि प्रकृति से ही जीवन मिलता है। पेड़ पौधे सुरक्षित रहेंगे, तो मनुष्य जीवन चलता रहेगा। इस समय कोरोना महामारी फैल रही है। लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। यदि प्रकृति हरी भरी रहेगी, तो लोगों को शुद्ध हवा मिलेगी। बीमारियों से भी मुक्ति मिलेगी।

हरविद्र कौर की एक बेटा व बेटी हैं। दोनों विदेश में सैटल हैं। पति बलराज सिंह किसान हैं। काफी जमीन है। हरविद्र कौर का कहना है कि अब उनके पास काफी समय है। शुरू से ही प्रकृति से लगाव था। अब समय मिल गया है। इसलिए पर्यावरण बचाने की दिशा में कार्य कर रही हूं। पंजाब के पर्यावरणविद डा. बलविद्र सिंह की ऑनलाइन कई वीडियो भी देखें है। उन्हें सुनकर समझ में आया कि पर्यावरण बचेगा, तभी मनुष्य जीवन बचेगा। इसलिए ही यह मुहिम शुरू की है। इसका उद्देश्य यही है कि लोग पेड़ पौधों का महत्व समझें। पेड़ पौधों में पर्यावरण में फैली अशुद्धियों को सोखने की शक्ति होती है। किसी भी पेड़ के नीचे बैठकर देखो, तो गर्मी में भी ताजी व ठंडी हवा मिलती है। अब पेड़ पौधों को ही जीवन बना लिया है। इस मुहिम में परिवार भी सहयोग करता है।

कभी गिनती नहीं की, हजारों पौधे बांट चुकी

हरविद्र कौर का कहना है कि उन्होंने कभी गिनती नहीं की, लेकिन जहां भी जाती हैं।कार में पौधे लेकर जाती है। लोगों को पौधे देने के साथ यही संदेश देती हैं कि इसका पालन पोषण बच्चों की तरह से करना है। परिचितों को भी पौधे दिए हैं। उनके घर तो वह खुद जाकर भी देख लेती हैं। पौधा कितना बड़ा हो गया है। बच्चों की चिता से मुक्ति है। इसलिए जो भी पॉकेट मनी एकत्र होती है। उससे पौधे खरीद लेती हैं और उन्हें ऐसे लोगों को देती हैं, जो उसका महत्व समझें। अभी तक हजारों पौधे वह निश्शुल्क वितरित कर चुकी हैं।

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