कलानौर-पंचकूला बाईपास पर जाम लगाएंगे किसान, झंडा या स्टीकर वाले वाहनों को पहुंचने की अनुमति

तीन अध्यादेशों को लेकर किसानों का धरना शनिवार को जारी रहा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 06:10 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 06:10 AM (IST)
कलानौर-पंचकूला बाईपास पर जाम लगाएंगे किसान, झंडा या स्टीकर वाले वाहनों को पहुंचने की अनुमति
कलानौर-पंचकूला बाईपास पर जाम लगाएंगे किसान, झंडा या स्टीकर वाले वाहनों को पहुंचने की अनुमति

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : तीन अध्यादेशों को लेकर किसानों का धरना शनिवार को जारी रहा। भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसानों के साथ-साथ अन्य संगठनों के प्रतिनिधि भी धरना स्थल पर पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसान आज मिल्क माजरा टोल प्लाजा के पास कैल कलानौर बाईपास पर जाम लगाकर रोष व्यक्त करेंगे। इस दौरान भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी किसानों को संबोधित करेंगे। किसानों का कहना है कि उनका धरना पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा। उधर, रोड जाम को लेकर एसपी कमलदीप गोयल व किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत हुई। इस दौरान एसपी ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से धरना दें। धरना स्थल आने वाले वाहनों पर निशानी के तौर पर झंडा या स्टीकर लगाकर आएं। ताकि उनको धरना स्थल पर जाने से न रोका जाए। समर्थकों सहित पहुंची विधायक

तीन अध्यादेशों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों को समर्थन देने के लिए साढौरा विधायक रेनू बाला भी समर्थकों के साथ पहुंची। उनके अलावा पूर्व विधायक अकरम खान, जाकिर हुसैन, पार्षद निर्मल चौहान, मुस्तफाबाद अनाज मंडी मांगे राम गुंदयानी, अमर पाल आर्य, एडवोकेट शेर सिंह कांबोज व अन्य संगठनों ने भी धरने का समर्थन किया। विधायक रेनू बाला ने कहा कि तीन अध्यादेश किसानों के साथ धोखा है। 21 सितंबर को प्रदेश भर में तीनों अध्यादेशों के खिलाफ जिला स्तर पर धरने दिए जाएंगे। कई पहलू हित में, खामियों को दूर करे सरकार

भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री रामबीर सिंह चौहान का कहना है कि तीन अध्यादेशों के कई पहलू किसानों के हित में हैं, लेकिन पूरी तरह हित में तब होगा जब इनमें व्याप्त खामियों को दूर किया जाए। यदि व्यापारी मंडी से बाहर फसल खरीदता है तो सरकार पेमेंट की गारंटी ले। किसान के साथ धोखा होने की स्थिति में सुनवाई के लिए कृषि न्यायालय जल्द बनाए जाएं। न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीदने वालों पर आपराधिक मामला दर्ज हो। किसान संघ किसी भी हिसात्मक आंदोलन के पक्षधर नहीं है। शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के लिए तैयार हैं।

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