निर्माण के बाद लोहगढ़ गुरुद्वारा में पहले समागम का आयोजन, यहीं बनी थी सिखों की पहली राजधानी
बाबा बंदा सिंह बहादुर की याद में लोहगढ़ साहिब में किलानुमा गुरुद्वारे में समागम का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : बाबा बंदा सिंह बहादुर की याद में लोहगढ़ साहिब में किलानुमा गुरुद्वारा का निर्माण कार्य पूरा कर दिया गया है। जल्द ही म्यूजियम बनाया जाएगा। यह स्थान बहुत महान है जिसे सिख कौम की पहली राजधानी के बारे में स्थापित किया है। जिससे पूरे विश्व के सिखों की गहरी आस्था जुड़़ी है। उक्त विचार बलदेव सिंह कायमपुर ने सिख पंथ के महान जरनैल बाबा बंदा सिंह बहादुर द्वारा स्थापित सिख राज की पहली राजधानी लोहगढ़ में एसजीपीसी की ओर से ननकाना साहिब के 500 साला शताब्दी को समर्पित सालाना गुरमत समागम के दौरान कहे। कार्यक्रम में दीवान साहब सजाया गया। मुख्य अतिथि एसजीपीसी सदस्य बलदेव सिंह कायमपुर व मनजीत कौर गधौला मौजूद रहे। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से मुख्य अतिथि को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया। समागम में रागी जत्था एवं भाई सतनाम सिंह गुरदासपुर, भाई गुरविद्र पाल सिंह, ढ़ांडी जत्था भाई सतपाल सिंह, प्रचारक भाई मनवीत सिंह, भाई रणजीत सिंह, नवजोत सिंह ने शब्द कीर्तन गाकर संगत को निहाल किया।
बलदेव सिंह ने कहा कि लोहगढ़ की एतिहासिक धरा का इतिहास बहुत गौरवशाली है। एसजीपीसी ने किले को गुरुद्वारा साहिब में तब्दील कर इतिहास को आगे ले जाने का काम किया है। लोहगढ़ में गुरुद्वारा का निर्माण करवा दिया गया है, लंगर हाल का निर्माण कार्य जारी है। जिस जगह पर गुरुद्वारा का निर्माण करवाया जा रहा है यहां बाबा बंदा सिंह बहादुर की कोर्ट लगती थी। उन्होंने यहीं से सिख सामराज्य की राजधानी का सिक्का जारी किया था। मौके पर नरेंद्र सिंह, जसपाल सिंह, हरपाल सिंह, अतिद्र, बाबा बचन सिंह, बाबा सिद्र, बाबा सुखा सिंह, अमीर सिंह, भूपिद्र सिंह, हरपाल सिंह, अमरीक सिंह, बीबी अमरजीत कौर मौजूद रहे।