48.28 एमएम बारिश से ओवरफ्लो हुए शहर के नाले, सफाई के लिए कम पड़ रहे 120 कर्मचारी
जगाधरी की ओर से आ रहा मुख्य नाला ओवरफ्लो होने के बाद प्रोफेसर कालोनी में जल भराव की स्थिति पैदा हो जाती है। गनीमत रही कि बुधवार को प्रोफेसर कालोनी में स्थिति सामान्य रही।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बारिश होने का सिलसिला जारी है। बुधवार को औसत 48.28 एमएम बारिश हुई। सबसे अधिक बारिश जगाधरी में 101 एमएम हुई। जिसके चलते मुख्य नाला ओवरफ्लो हो गया और हुडा सेक्टर-18 स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल के पीछे अर्जुन नगर में जल भराव की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि नगर निगम अधिकारी सभी नालों की सफाई का काम बेहतरी से किए जाने का दावा कर रहे है, लेकिन पहली जोरदार बारिश के बाद हकीकत सामने आ गई। यमुनानगर-जगाधरी में छोटे बड़े 29 नाले हैं। जिनकी लंबाई करीब 70 किलोमीटर है। इनकी सफाई के लिए निगम की ओर से 120 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई हुई है। यह कर्मचारी कम पड़ रहे हैं। अभी भी नालों में गाद व गंदगी भरी पड़ी है। दूसरा, नालों पर हुए अवैध निर्माण पर भी अधिकारियों की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है। कहां कितनी बारिश
जगाधरी : 101 एमएम
छछरौली : 42
बिलासपुर : 23
साढौरा : 35
सरस्वतीनगर : 47
रादौर : 66
प्रतापनगर : 24 एमएम पार्षद ने लिया क्षेत्र का जायजा
जगाधरी की ओर से आ रहा मुख्य नाला ओवरफ्लो होने के बाद प्रोफेसर कालोनी में जल भराव की स्थिति पैदा हो जाती है। गनीमत रही कि बुधवार को प्रोफेसर कालोनी में स्थिति सामान्य रही। पार्षद विनोद मरवाह ने सुबह छह बजे कालोनी में स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि एक-दो मकान में बारिश का पानी घुसा है। बाकि कालोनी में हालात सामान्य रहे। उधर, निगम कर्मचारी बारिश के दौरान भी शहर के नालों की सफाई में जुटे हुए देखे गए। आपात स्थिति से निपटने के लिए निगम की ओर से जगाधरी व यमुनानगर में दो कंट्रोल रूम बनाए हुए हैं।
छोटी लाइन से हुडा सेक्टर-17 का रास्ता हुआ बंद
जगाधरी में हुई जोरदार बारिश के बाद अर्जुन नगर कालोनी में पानी जमा हो गया। जिसके चलते छोटी लाइन से हुडा सेक्टर-17 की ओर जा रहा रास्ता बंद हो गया। यहां सड़क पर करीब 3-4 फीट पानी था। जिसके चलते वाहन चालक यहां से नहीं गुजर पाए। इसके अलावा जगाधरी के लो लाइन एरिया में भी कई घंटे तक पानी जमा रहा।
धान व गन्ना की फसल को फायदा
क्षेत्र में हुई जोरदार बारिश गन्ना व धान की फसल के लिए फायदेमंद बताई जा रही है। जबकि सब्जियों की फसल के लिए नुकसानदायक है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. जसविद्र सैनी का कहना है कि बारिश होने से फसलों में कीड़ों व बीमारियों की संभावना कम हो जाती है। जिन क्षेत्रों में सिचाई के साधन सीमित हैं, वहां सिचाई की समस्या भी दूर हो गई है। सब्जियों की फसल में पानी जमा न होने दें। निकासी की व्यवस्था कर दें।