बूंदाबांदी से चितित किसान, मंडियों में भीगा धान

मौसम की करवट ने किसानों की चिता बढ़ा दी है। रविवार को हुई हल्की बूंदाबांदी से क्षेत्र में उन किसानों के चेहरे पर चिता की लकीरें देखी गई जिनकी धान की कटाई अभी नहीं हो पाई है। हालांकि अब ऐसे किसान 30 से 35 फीसद ही है। वहीं हल्की बूंदाबांदी के बाद मंडी में भी धान खरीद का कार्य प्रभावित रहा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 05:59 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 05:59 PM (IST)
बूंदाबांदी से चितित किसान, मंडियों में भीगा धान
बूंदाबांदी से चितित किसान, मंडियों में भीगा धान

संवाद सहयोगी, रादौर: मौसम की करवट ने किसानों की चिता बढ़ा दी है। रविवार को हुई हल्की बूंदाबांदी से क्षेत्र में उन किसानों के चेहरे पर चिता की लकीरें देखी गई जिनकी धान की कटाई अभी नहीं हो पाई है। हालांकि अब ऐसे किसान 30 से 35 फीसद ही है। वहीं हल्की बूंदाबांदी के बाद मंडी में भी धान खरीद का कार्य प्रभावित रहा। अधिकारियों की माने तो अब आवक की रफ्तार धीमी होती जा रही है। जिसके चलते मंडी में उठान का कार्य भी तेजी से हो रहा है। करीब करीब 80 फीसद उठान मंडियों से हो चुका है। इतनी हो चुकी खरीद:

मार्केट कमेटी रादौर के मंडी सुपरवाइजर मनोज कुमार ने बताया कि तीनों मंडियों में अब तक चार लाख 14195 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। जिसमें से रादौर मंडी में 338440 क्विंटल, गुमथला में 42355 व 33400 क्विटल धान की आवक हुई है। उठान कार्य भी तेजी से हो रहा है। आज बारिश के कारण खरीद कार्य कुछ हद तक प्रभावित हुआ है ऐसे में उठान कार्य में तेजी लाई गई है। अधिक बारिश से हो सकता है नुकसान:

बदला मौसम किसानों को नुकसान पहुंचा सकता है। एक ओर जहां जिन किसानों की धान अभी खेत में खड़ी है उन्हें बारिश से नुकसान उठाना पड़ सकता है। किसानों का कहना है कि अधिक बारिश होती है तो गोभी, लहसुन, मूली व सरसों लगाने की तैयारी कर रहे किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। मंडियों में पड़ा धान भीगा:

सुबह से ही हल्की बूंदाबांदी क्षेत्र में हो रही थी। लेकिन गनीमत रही की तेज बारिश नहीं हुई। लेकिन किसानों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। लेकिन इस दौरान मंडियों में खुले में पड़ी धान की फसल व धान की बोरियां भीग गई। आगामी समय में बारिश अधिक होती है तो इससे आढ़ती व किसानों की परेशानी बढ़ सकती है।

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