मंडी में गेहूं के भीगने का इंतजार, खुले आसमान के नीचे हजारों क्विंटल

खरीद बंद होने के कारण अनाज मंडियों में गेहूं खुले आसमान के नीचे है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 07:57 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 07:57 AM (IST)
मंडी में गेहूं के भीगने का इंतजार, खुले आसमान के नीचे हजारों क्विंटल
मंडी में गेहूं के भीगने का इंतजार, खुले आसमान के नीचे हजारों क्विंटल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर

खरीद बंद होने के कारण अनाज मंडियों में गेहूं खुले आसमान के नीचे हैं। जगाधरी अनाज मंडी में 35 हजार क्विंटल गेहूं खरीद का इंतजार है। बिलासपुर व रणजीतपुर में करीब 40 हजार, 15 हजार क्विंटल, प्रतापनगर-छछरौली में 50 हजार क्विंटल गेहूं पड़ा है। उधर, खरीद शुरू किए जाने की मांग को लेकर आढ़ती लामबंद हो गए हैं। शुक्रवार को अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन की बैठक मार्केटिग बोर्ड के कार्यालय के सामने प्रधान मुनीश कुमार की अध्यक्षता में हुई। आढ़तियों का कहना है कि जब मंडियों में पड़ी गेहूं की रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है तो खरीदने में गुरेज क्यों किया जा रहा है। उधर, मौसम हर दिन करवट ले रहा है। बारिश की स्थिति में भारी नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

जगाधरी अनाज मंडी की बात की जाए तो अभी हर तरफ गेहूं के कट्टे पड़े हुए। कुछ तिरपाल से ढंके हुए हैं तो कुछ ऐसे ही पड़े हैं। बूंदाबांदी के दौरान इनको तिरपाल से ढककर बचाने की कोशिश की जाती है, लेकिन बौछारें गेहूं को खराब कर रही हैं। दरअसल, 30 अप्रैल के बाद सरकार ने कोरोना संक्रमण के चलते गेट पास काटने बंद कर दिए। जबकि मंडियों में गेहूं की आवक जारी रही। 12 व 13 मई को केवल उसी दिन आई गेहूं की खरीद हुई। जो पहले पड़ी थी, उसकी खरीद नहीं की गई।

बचाव के लिए नहीं पर्याप्त संसाधन

अनाज मंडियों में गेहूं को भीगने से बचाव के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। शेड के नीचे पहले ही गेहूं लगी हुई है। बिलासपुर, रादौर, छछरौली व प्रतापनगर की अनाज मंडी में हजारों कट्टे खुले आसमान के नीचे ही पड़े हुए हैं। किसान इस इंतजार में हैं कि कब उनकी गेहूं की खरीद हो।

देरी से आवक का यह कारण

जगाधरी अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान मुनीश कुमार का कहना है कि जिला में गन्ने की कटाई के बाद गेहूं की बिजाई की जाती है। यह फसल मई माह में ही मंडी में पहुंचती है। लेकिन सरकार ने अप्रैल माह में पोर्टल बंद कर दिया। जिसके कारण गेट पास नहीं कट पाए। जो गेहूं मंडियों में पड़ी है, वह किसानों की है। यह बात सरकार भी जानती है। जो गेहूं मंडियों में पड़ा है, उसकी खरीद की व्यवस्था जल्द की जानी चाहिए।

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