गेहूं बिजाई की तैयारियों में जुटे किसान, विशेषज्ञ दे रहे बीजोपचार की सलाह

धान की कटाई के साथ गेहूं की बिजाई की तैयारियां भी जागरण संवाददाता यमुनानगर धान की कटाई के साथ गेहूं की बिजाई की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इस बार करीब 90 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से फानों के बीच सुपर सीडर से बिजाई के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही बीजोपचार पर भी विशेष रूप से जोर दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 07:27 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:27 AM (IST)
गेहूं बिजाई की तैयारियों में जुटे किसान, विशेषज्ञ दे रहे बीजोपचार की सलाह
गेहूं बिजाई की तैयारियों में जुटे किसान, विशेषज्ञ दे रहे बीजोपचार की सलाह

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

धान की कटाई के साथ गेहूं की बिजाई की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इस बार करीब 90 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से फानों के बीच सुपर सीडर से बिजाई के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही बीजोपचार पर भी विशेष रूप से जोर दिया जा रहा है। क्योंकि बीजोपचार के बाद बिजाई से पैदावार बढ़ जाती है। रोगों की संभावना कम हो जाती है। कृषि विभाग की ओर से 25 अक्टूबर से गेहूं की बिजाई शुरू करने की सलाह दी जा रही है। कहां कितनी बिजाई

हिसार : 250 हजार हेक्टेयर

फतेहाबाद : 190

सिरसा : 295

भिवानी : 115

रोहतक : 110

झज्जर : 107

सोनीपत : 155

गुरुग्राम : 42

फरीदाबाद : 35

करनाल : 173

कुरुक्षेत्र : 114

कैथल : 175

अंबाला : 86

पंचकुला : 18

जींद : 215

महेंद्रगढ़ : 40

रेवाड़ी : 40

मेवात : 79

पलवल : 101

चरखीदादरी : 30 हजार हेक्टेयर बिजाई से पहले करें उपचार : डा. जसविद्र

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. जसविद्र सैनी का कहना है कि गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए सही बीज और सही समय का चयन किया जाना जरूरी है। उपयुक्त मौसम और सही तरीके से बिजाई करने पर गेहूं का उत्पादन बेहतर रहता है। गेहूं की बिजाई के लिए सबसे पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार किया जाना जरूरी है। सही तापमान में बीजों का अंकुरण सही रहता है। गेहूं की बिजाई के लिए किसान हैप्पी सीडर और सुपर सीडर जैसे आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं। इन कृषि यंत्रों की मदद से बीज को सही मात्रा में उचित गहराई पर छोड़ा जाता है, जिससे अंकुरण सही रहता है। बिजाई से पहले गेहूं का बीज का उपचार किया जाना जरूरी है। बीज जनित रोगों से बचाव के लिए बीजों को दो ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से बावास्टीन और बीटावैक्स से उपचारित करें। दीमक से बचाने के लिए क्लोरोपाइरीफास 1.5 मिली, प्रति किलोग्राम से बीच को उपचारित करें।

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