भावांतर भरपाई योजना में किसानों की दिलचस्पी कम, 3825 हेक्टयेर पर गोभी, 178 हेक्टयर दायरे में

सरकार की भावांतर भरपाई योजना में फिलहाल किसान दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। जिले में 3825 हेक्टयेर पर फूलगोभी की फसल है, जबकि 178 हेक्टयर ही योजना के दायरे में आई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jan 2019 10:44 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jan 2019 10:44 PM (IST)
भावांतर भरपाई योजना में किसानों की दिलचस्पी कम, 3825 हेक्टयेर पर गोभी, 178 हेक्टयर दायरे में
भावांतर भरपाई योजना में किसानों की दिलचस्पी कम, 3825 हेक्टयेर पर गोभी, 178 हेक्टयर दायरे में

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सरकार की भावांतर भरपाई योजना में फिलहाल किसान दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। जिले में 3825 हेक्टयेर पर फूलगोभी की फसल है, जबकि 178 हेक्टयर ही योजना के दायरे में आई है। अधिकांश किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाना मुनासिब नहीं समझा। यही हालात आलू की फसल को लेकर रहे। इसमें भी चु¨नदा किसानों ने ही दिलचस्पी दिखाई है। जिले में 1414 हेक्टेयर पर आलू की फसल थी, लेकिन 7290 हेक्टेयर फसल योजना के तहत कवर हुई है। हालांकि जिला उद्यान विभाग की ओर से किसानों को विशेष रूप से जागरूक करने का काम किया है, लेकिन उत्पादक किसान रजिस्ट्रेशन के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि आलू की फसल का लाभ मिलने के बाद रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।

यह है योजना

सरकार ने आलू फसल का संरक्षित मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल, प्याज का 500, टमाटर का 400 व फूलगोभी का संरक्षित मूल्य 500 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया हैं। बाजार में यदि संरक्षित से कम दाम मिलते हैं, तो नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। भविष्य में और भी फसलें योजना के दायरे में आ सकती हैं। इस पॉलिसी पर सरकार काम कर रही है। बता दें कि यमुनानगर में उक्त चारों सब्जियों की फसलों के प्रति किसानों का काफी रूझान है।

प्याज व टमाटर के लिए करा सकते रजिस्ट्रेशन

फूलगोभी उत्पादक किसानों को लाभ देने के लिए उद्यान विभाग की ओर से वेरीफिकेशन चल रही है। प्याज व टमाटर के लिए किसान रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। जो किसान एक बार रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं उनको अधिक औपचारिकताएं भी पूरी करने की जरूरत नहीं होती। केवल विभाग को फसल बारे सूचना देनी होती है। विभागीय जानकारी के मुताबिक पंजीकरण उद्यान अधिकारी कार्यालय, विपणन बोर्ड कार्यालय व ई-दिशा केंद्रों पर करवाया जा सकता है। किसान अपनी फसल का पंजीकरण करवाने के लिए पहचान-पत्र, फोटो और बैंक पास बुक साथ लेकर जाएं।

जे फार्म पर बिक्री अनिवार्य

जे फार्म पर फसल की बिक्री अनिवार्य है। बिक्री के बाद विवरण भावांतर भरपाई योजना के पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके लिए मार्केट कमेटी कार्यालय में सुविधा उपलब्ध है। प्रोत्साहन राशि किसान के आधार ¨लकड बैंक खाते में बिक्री के 15 दिन के अंदर दिए जाने का प्रावधान है। भूमि मालिक ही नहीं बल्कि पट्टेदार किसान को योजना का लाभ मिलता है। योजना का मुख्य उद्देश्य संरक्षित मूल्य से जोखिम को दूर करना है।

किसानों को इस बारे जानकारी नहीं है। जागरूकता की कमी है। योजना में सरलीकरण की भी जरूरी है। किसान पेचीदगियों में नहीं उलझना चाहता, इसलिए किसान योजना से नहीं जुड़ पा रहे हैं। सरकार की ओर से विशेष अभियान चलाकर किसानों को जागरूक करना चाहिए।

रामबीर ¨सह चौहान, जिला प्रधान, भाकिसं।

भावांतर भरपाई योजना पूरी तरह किसानों के हित में है। आलू, प्याज, फूलगोभी व टमाटर की फसल को योजना के तहत शामिल किया गया है। भविष्य में फसलों की संख्या और भी बढ़ जाएगी। अधिक से अधिक किसान इस योजना से जुड़ें और भाव के अंतर की भरपाई करें।

डॉ. रमेश सैनी, जिला उद्यान अधिकारी।

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