अस्थायी व मान्यता प्राप्त स्कूलों को जारी नहीं हुई एक्सटेंशन, छात्रों का भविष्य अधर में

सरकार व शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के अस्थायी एवं मान्यता प्राप्त स्कूलों को वर्ष 2021-22 शिक्षण सत्र के लिए एक वर्ष की एक्सटेंशन जारी नहीं की गई। जिससे स्कूल संचालकों की चिताएं बढ़ गई है। वहीं इन स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों के भविष्य को लेकर चितित दिखाई दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 06:21 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 06:21 PM (IST)
अस्थायी व मान्यता प्राप्त स्कूलों को जारी नहीं हुई एक्सटेंशन, छात्रों का भविष्य अधर में
अस्थायी व मान्यता प्राप्त स्कूलों को जारी नहीं हुई एक्सटेंशन, छात्रों का भविष्य अधर में

संवाद सहयोगी, रादौर : सरकार व शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के अस्थायी एवं मान्यता प्राप्त स्कूलों को वर्ष 2021-22 शिक्षण सत्र के लिए एक वर्ष की एक्सटेंशन जारी नहीं की गई। जिससे स्कूल संचालकों की चिताएं बढ़ गई है। वहीं इन स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों के भविष्य को लेकर चितित दिखाई दे रहे हैं। जिसको लेकर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से सरकार से इन स्कूलो की एक वर्ष की एक्सटेंशन हर वर्ष की भांति दिए जाने की मांग की गई है। उनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो हजारों बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। एसोसिएशन के ब्लाक प्रधान मलखान सिंह ने कहा कि हर वर्ष सरकार 3200 अस्थायी एवं परमिशन प्राप्त स्कूलों को एक वर्ष की एक्सटेंशन देती आ रही है। वर्ष 2007 से ऐसा ही चल रहा है। जिसके परिणामस्वरूप ये सभी स्कूल हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी में संबंधता फीस जमा कराकर छात्रों के एनरोलमेंट बोर्ड के माध्यम से जारी करवाते थे और उसके बाद बोर्ड की वार्षिक परीक्षा के लिए अपने बच्चों का रजिस्ट्रेशन कराया जाता था, लेकिन इस वर्ष हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से इन 3200 स्कूलों को अभी तक वर्तमान सत्र की एक्सटेंशन नहीं दी गई है। जिस वजह से इन स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। यदि इस वर्ष यह एक्सटेंशन नहीं दी गई तो इन स्कूलों के बच्चे हरियाणा बोर्ड की वार्षिक परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे। कोरोना काल की भारी आपदा को सहने के बाद प्राइवेट स्कूलों की आर्थिक स्थिति पहले से ही बहुत चिताजनक हो गई है और यदि ऐसे में इन स्कूलों को बोर्ड परीक्षाओं से वंचित किया गया तो इसका बच्चों की शिक्षा एवं उनके करियर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। जिसका नुकसान स्कूल संचालकों को भी होगा। इसलिए सरकार इन स्कूलों की एक्सटेंशन देने का कार्य करे। तभी स्कूल संचालकों व छात्रों को राहत मिलेगी।

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