किसानों को विशेषज्ञों की सलाह, फसल अवशेष प्रबंधन कर बढ़ाएं भूमि की उर्वरा शक्ति

पराली का समाधान है समझदारी..अभियान के तहत दैनिक जागरण की ओर से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सभागार में सेमिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 05:26 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 05:26 PM (IST)
किसानों को विशेषज्ञों की सलाह, फसल अवशेष प्रबंधन कर बढ़ाएं भूमि की उर्वरा शक्ति
किसानों को विशेषज्ञों की सलाह, फसल अवशेष प्रबंधन कर बढ़ाएं भूमि की उर्वरा शक्ति

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पराली का समाधान है समझदारी..अभियान के तहत दैनिक जागरण की ओर से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सभागार में सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें कृषि उपमंडल अधिकारी डा. सतबीर लोहिया, क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर डा. बाल मुकुंद कौशिक, सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डा. रतन सिंह कांबोज, सहायक कृषि अभियंता डा. विनीत जैन, सहायक सांख्यिकी अधिकारी उषा कांबोज व कृषि विकास अधिकारी डा. मौजी कांबोज ने किसानों के सवालों के जवाब दिए। उनको फसल अवशेष प्रबंधन के महत्व से अवगत कराया। किसानों को बताया गया कि फसल अवशेष प्रबंधन समय की मांग है। फसल अवशेष प्रबंधन में आ रही दिक्कतों पर हुई चर्चा

सेमिनार मे हर ब्लाक से प्रगतिशील किसान पहुंचे। इस दौरान उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर आ रही दिक्कतों पर चर्चा की। किसानों के मुताबिक वे फसल अवशेषों को खेतों में नहीं जलाते, लेकिन प्रबंधन को लेकर कई तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं। खेत तैयार करने पर आने वाला खर्च बढ़ जाता है। क्योंकि डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यदि फसल अवशेष प्रबंधन करने वाले किसानों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाए तो काफी राहत मिल सकेगी। इसके जवाब में सहायक कृषि अभियंता डा. विनीत जैन ने बताया कि यह प्रस्ताव सरकार को भेजा हुआ है। उम्मीद है जल्दी ही इस पर निर्णय हो जाएगा। इन किसानों ने लिया सेमिनार में भाग

सेमिनार में माली माजरा के किसान योगेश कुमार, लेदा खास के जसबीर सिंह, किसान राम शरण, हरियाबांस से नितेश त्यागी, किसान पवन कुमार, नगावां जागीर से वीरेंद्र कुमार, बलाचौर से लखविद्र सिंह, किसान भरत राम, रादौर से अनुप कुमार व गुलशन शर्मा ने भाग लिया। किसानों ने कृषि अधिकारियों से बातचीत कर अपनी शंकाओं का समाधान किया और विभाग से जुड़ी योजनाओं की जानकारी हासिल की। फोटो : 7

सरकार पूरी तरह गंभीर

कृषि उपमंडल अधिकारी डा. सतबीर सिंह लोहिया ने कहा कि फसल अवशेषों के प्रबंधन को लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है। किसानों का सहयोग भी काफी मिल रहा है। पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आई है। इस आंकड़े को हमने और भी नीचे लेकर आना है। फोटो : 8

प्रबंधन हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी

क्वालिटी कंट्रोलर इंस्पेक्टर डा. बाल मुकुंद कौशिक का कहना है कि खेतों में फसल अवशेष जलाने के भयंकर परिणाम सामने आ रहे हैं। यदि इस पर पूरी तरह अंकुश न लगाया गया तो भविष्य में परिणाम और भी घातक होंगे। हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि फसल अवशेष न जलाएं। फोटो : 9

पोषक तत्वों की होगी आपूर्ति

सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डा. रतन सिंह कांबोज का कहना है कि फसल अवशेषों को जलाएं नहीं बल्कि खेत में ही उसका प्रबंधन करें। इससे खेत में आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति होगी। भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और प्रदूषण का स्तर घटेगा। फोटो : 10

अनुदान पर दिए जा रहे कृषि यंत्र

सहायक कृषि अभियंता डा. विनीत जैन का कहना है कि फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से अनुदान पर कृषि यंत्र दिए जा रहे हैं। किसान इन यंत्रों का प्रयोग करें। फसल अवशेष प्रबंधन करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा हुआ है।

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