रामलीला का समापन : हनुमान के सेवाभाव से सब हुए प्रसन्न

श्रीराम कृष्ण रामलीला क्लब की ओर से जठलाना में आयोजित रामलीला का विधिवत समापन हो गया। अंतिम दिन श्रीराम व हनुमान की वार्तालाप का मंचन किया गया। जिसमें दिखाया गया कि हनुमान श्रीराम को स्नान करवाते है। वहीं उन्हें खाना खिलाते है और चरण दबाने की सेवा करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 07:06 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 07:06 AM (IST)
रामलीला का समापन : हनुमान के सेवाभाव से सब हुए प्रसन्न
रामलीला का समापन : हनुमान के सेवाभाव से सब हुए प्रसन्न

संवाद सहयोगी, रादौर : श्रीराम कृष्ण रामलीला क्लब की ओर से जठलाना में आयोजित रामलीला का विधिवत समापन हो गया। अंतिम दिन श्रीराम व हनुमान की वार्तालाप का मंचन किया गया। जिसमें दिखाया गया कि हनुमान श्रीराम को स्नान करवाते है। वहीं उन्हें खाना खिलाते है और चरण दबाने की सेवा करते हैं। जिसे देखकर लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न को ईष्र्या होती है और वह तीनों माता सीता को शिकायत करते है कि यदि हर सेवा हनुमान ही करेंगे तो वह क्या करेंगे। सीता उन्हें कहती है कि वह तो खुद परेशान हैं कि श्रीराम की हर सेवा हनुमान ही कर रहे है और उन्हें भी सेवा करने का मौका नहीं मिलता। जिसके बाद तीनों श्रीराम के पास जाते हैं। श्रीराम उन्हें मुस्कराते हुए कहते है कि इसमें वह क्या कर सकते हैं। यह तो हनुमान का हक है। फिर भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न और सीता एक युक्ति बनाते है और राम के पास जाकर कहते हैं आज वह उनकी सेवा करेंगे। श्रीराम कहते है कि फिर हनुमान क्या करेगा। हनुमान को जैसे ही सारे वृतांत का पता चलता है तो वे भी एक युक्ति बनाते है और श्रीराम के पास जाकर कहते है कि आपने अपनी सभी सेवाएं उन्हें दे दी है। मुझे केवल एक सेवा दे दो कि जब भी आपको जम्हाई आए, तो चुटकी आपके मुंह के आगे मैं ही बजाउंगा। तब यह बात सभी स्वीकार कर लेते है। लेकिन बाद में सभी लोग हनुमान की चालाकी को समझ जाते है और हनुमान की जय-जय कार होने लगती है। सभी कहते है कि तुम जैसा श्रीराम भक्त दुनिया में कोई दूसरा नहीं हो सकता। फिर श्रीराम का दरबार लगता है और दरबार में ऋषि मुनियों के साथ विश्वामित्र भी बैठे होते है। तभी वहां एक राजकुमार आते है वह सभी ऋषियों को प्रणाम करते है, लेकिन विश्वामित्र को नहीं। जिस पर विश्वामित्र श्रीराम पर क्रोधित होकर कहते कि तुम्हारी सभा में हमारा इतना अपमान हुआ और तुम देखते रहे। इस राजकुमार को तुम अभी मृत्यु दंड दो, नहीं तो मैं तुम्हें श्राप दे दूंगा। श्रीराम उन्हें हर प्रकार से समझाने का प्रयास करते है। लेकिन वह नहीं मानते। तब श्रीराम प्रतिज्ञा करते है कि वह कल इस राजकुमार को मृत्यु दंड दे देंगे। राजकुमार हनुमान से मदद की गुहार लगाता है। हनुमान उसे बचाने का वचन दे देते है। विश्वामित्र उन्हें माफ कर देते है। रामलीला क्लब के निदेशक पंकज धीमान रामलीला के दौरान कलाकारों के व्यवहार के बारे चर्चा करते हुए कहते है कि क्लब के सभी कलाकार रामलीला मंचन के दिनों में सात्विक भोजन व ब्रह्मचार्य के व्रत का पूरी तरह से पालन करते है। मंचन की समाप्ति पर हरिद्वार जाकर गंगा स्नान से सभी कलाकर अपना व्रत खोलते हैं। इस अवसर पर प्रधान कुलदीप सिंह, उपप्रधान सतीश कांबोज, निदेशक पंकज धीमान, सह निदेशक श्यामबिहारी, सचिव संजीव शास्त्री, अमित बतरा मौजूद रहे।

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