पांच ब्लाक में 18 नई ग्राम पंचायतें बनी, नए सिरे से होगी वार्डबंदी
जिले के सात में से पांच ब्लाक में प्रदेश सरकार ने 18 नई ग्राम पंचायतों को मंजूरी दी है। इसके लिए अब नए सिरे से वार्डबंदी की जाएगी।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
जिले के सात में से पांच ब्लाक में प्रदेश सरकार ने 18 नई ग्राम पंचायतों को मंजूरी दी है। जिन गांवों की अब अपनी पंचायत होगी वह पहले दूसरी ग्राम पंचायतों से अटैच थी। इन पंचायतों में कितने वार्ड होंगे इसके लिए विभाग द्वारा अब नए सिरे से वार्डबंदी की जाएगी। पहले जिला में 472 पंचायतें थी। परंतु अब 18 नई पंचायतें बनने के बाद इनकी संख्या 490 हो गई हैं। ये हैं नई ग्राम पंचायतें :
खंड सरस्वती नगर में ग्राम पंचायत भंभौली से अलग होकर जनक का माजरा, अकबरपुर से टेही हरिजन, प्रतापनगर में ईस्माइलपुर से अलग होकर नत्थनपुर, शाहजहांपुर से पिपली माजरा, मेघूवाला से बनियावाला, लोहरीवाला से नंदगढ़, कलेसर से हथनीकुंड, शहजादवाला से चिक्कन, नागलपत्ति मिल्क से टिबड़ियों, रादौर में पालेवाला से करतारपुर, खुर्दबन से अलग होकर पासी डेरा नई ग्राम पंचायत बनी है। इसी तरह छछरौली ब्लाक में ताहरपुर कलां से अलग होकर हैदरपुर, बलचौर से शेखपुरा, नाहर ताहरपुर से शेरपुर, सिपियांवाला से चुहड़पुर मंगल सिंह, खंड बिलासपुर में शेरगढ़ से सुंदर बहादुरगढ़, सफीलपुर से नाइवाला व रानीपुर से अलग होकर रानीपुर खुर्द नई पंचायत बनी है। चुनाव होने तक बीडीपीओ होंगे प्रशासक
23 फरवरी को ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। अब पंचायतों की कमान बीडीपीओ ने संभाल ली है। गांव में जो भी विकास कार्य होंगे वह सब बीडीपीओ ही करवाएंगे। परंतु गांवों में कोई भी काम करवाना किसी बीडीपीओ के लिए इतना आसान नहीं होगा। क्योंकि एक-एक बीडीपीओ के पास काफी पंचायतें हैं। सरस्वती नगर में 78, छछरौली में 81, साढौरा में 41, बिलासपुर में 99, जगाधरी में 67, प्रतापनगर में 54 व रादौर में 68 ग्राम पंचायत हैं। एक साथ बीडीपीओ इतनी पंचायतों पर ध्यान कैसे दे पाएंगे। इसका असर कहीं न कहीं गांवों में होने वाले विकास कार्यों पर पड़ेगा। अब तक तो लोग सरपंचों को कहकर ही अपने स्तर पर काम करवा लेते थे। परंतु अब बीडीपीओ या ग्राम सचिव को पहले मौके पर जाकर निरीक्षण करना होगा। इसके बाद ही वह काम करवा पाएंगे। पंचायतों के होंगे सरपंच : शंकर लाल
डीडीपीओ शंकर लाल गोयल का कहना है कि जिले में 18 नई ग्राम पंचायतों का गठन हुआ है। इनमें नए सिरे से वार्ड बंदी की जाएगी। अब इन पंचायतों के अपने सरपंच होंगे।