सावन के पहले सोमवार को मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, पूजा पाठ के साथ शिवलिग का जलाभिषेक

सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। भक्तों को पूजा अर्चना करने के लिए कोरोना महामारी के कारण अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। लोगों ने शालियों में भगवान शिवलिग पर जलाभिषेक किया। पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ पूजा संपन्न कराई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 06:25 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 06:25 AM (IST)
सावन के पहले सोमवार को मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, पूजा पाठ के साथ शिवलिग का जलाभिषेक
सावन के पहले सोमवार को मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, पूजा पाठ के साथ शिवलिग का जलाभिषेक

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। भक्तों को पूजा अर्चना करने के लिए कोरोना महामारी के कारण अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। लोगों ने शालियों में भगवान शिवलिग पर जलाभिषेक किया। पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ पूजा संपन्न कराई। भीड़ को देखते हुए प्रमुख मंदिरों में सुरक्षा का इंतजाम किया गया। शिव मंदिर ओम नम: शिवाय जाप चलता रहा। मंदिरों में भजन कीर्तन का दौर जारी रहा। हर हर महादेव के भजनों से सारा वातावरण शिवमय रहा। शिव मंदिर आकर्षक रूप से सजाए गए। फूल फल भगवान शिवलिग पर अर्पित किए गए। बूड़िया के पातालेश्वर मंदिर, जगाधरी के गौरी शंकर मंदिर, कालेश्वर मठ, केदरनाथ, औद्योगिक क्षेत्र शक्तिमान मंदिर में काफी संख्या में लोग पहुंचे। कई स्थानों पर प्रसाद का वितरण किया गया। मंदिरों के बाहर फूल बेचने वालों की चांदी रही।

शिव मंदिर में आई सोनिया, मोनिका, राधिका, तन्नु ने बताया कि बताया कि वह सुबह जल्दी मंदिर आ गई थी। उनको पता है कि बाद में भीड़ हो जाती है। इस भीड़ से बचने के लिए वह जल्दी मंदिर आई। उसके बाद भी उनको मंदिर में भीड़ मिली। मंदिर में पुजारी ने कहा था कि कोरोना महामारी के कारण वह एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें। इसलिए अपनी बारी आने पर ही मंदिर के अंदर प्रवेश करें और जलाभिषेक कर बाहर आएं। इसके बाद दूसरे लोग अंदर जाएंगे। इसलिए काफी देर बाद उनको पूजा करने का मौका मिला। पातालेश्वर व प्राचीन शिव मंदिर में रही भीड़

बूड़िया के पातालेश्वर व पंचोलियान प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। हल्की बूंदाबांदी के बावजूद मंदिरों में सुबह से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं हो इसके लिए रोशनी का विशेष प्रबंध किया गया। इसके साथ ही मंदिरों से पूजा सामग्री दी गई। शिवभक्तों ने भगवान शिवलिग पर दूध, दही, शहद, मक्खन, गंगाजल अर्पित किया। इसके साथ ही पंडितों ने मंत्रोच्चारण किया। कालेश्वर मठ में भगवान शिव स्वयं भू के रूप में विराजमान है। यहां भी काफी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने पहुंचे। इसके साथ ही भाटली शिव मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सावन माह में भगवान शिव की पूजा से विशेष लाभ मिलता है। पूजा करने वाला व्यक्ति पुण्य का भागी बनता है।

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