सख्ती के बावजूद श्रद्धालुओं ने की कपाल मोचन में पूजा-अर्चना

प्रशासन की सख्ती के बाद श्रद्धालु मेला परिसर में पहुंच कर पूजा अर्चना

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 09:50 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 09:50 AM (IST)
सख्ती के बावजूद श्रद्धालुओं ने की कपाल मोचन में पूजा-अर्चना
सख्ती के बावजूद श्रद्धालुओं ने की कपाल मोचन में पूजा-अर्चना

संवाद सहयोगी, बिलासपुर :

प्रशासन की सख्ती के बाद श्रद्धालु मेला परिसर में पहुंच कर पूजा अर्चना कर रहे हैं। सरोवरों में पानी न होने पर भी श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई। श्रद्धालुओं का कहना है कि अपनी मन्नतों को पूरा करने के लिए पूजा अर्चना करने के लिए धार्मिक स्थलों पर पहुंचाना उनकी मजबूरी थी। उन्होंने सरोवरों के किनारे व गुरुद्वारा के बाहर दीप दान कर पूजा अर्चना की। गुरुद्वारा संचालकों व मंदिर संचालकों ने कहा कि कर्मचारियों द्वारा श्रद्धालुओं को कोविड संक्रमण के बारे में समझाने का प्रयास किया जाता है तो वह बहस करने लगते हैं। आकर्षक लाइटों से सजाया गया गुरुघर

गुरुद्वारा प्रबंधक नरेंद्र सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते गुरुद्वारा पहली व दसवीं पातशाही व मुख्य द्वारा सहित चहारदीवारी को आकर्षक लाइटों से सजाया गया है। श्रद्धालुओं के प्रवेश को लेकर प्रबंधक समिति प्रशासन को सहयोग कर रही है। उन्होंने अपील की है कि अपने घरों में रह कर गुरु पर्व की पूजा अर्चना कर अरदास करें। सरोवरों के किनारे दीप दान किया

सरोवरों में पानी न होने के कारण श्रद्धालुओं ने सरोवरों के किनारे पूजा अर्चना कर दीप दान किया। हालांकि प्रशासन ने मेला क्षेत्र का दौरा कर कोविड की हिदायतों का पालना करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके श्रद्धालुओं ने ऋण मोचन सरोवर, कपालमोचन सरोवर, सूरजकुंड सरोवर व गुरुद्वारा में दीप दान कर पूजा अर्चना की। पंजाब के जिला समराला, मोगा, मालवा के श्रद्धालुओं ने बताया कि कोविड के चलते मेला स्थगित होने की सूचना नहीं मिली थी। वह रविवार सुबह परिवार के साथ किराये की गाड़ी में कपाल मोचन में दर्शन करने के लिए आए थे।

क्षेत्र के राज कुमार, गौरव, रमन व कमल कुमार ने बताया कि दीपावली के बाद मेले के श्रद्धालुओं के आने से उनकी अच्छी आमदनी हो जाती थी।इ स वर्ष मेले के स्थगित होने से उन्हें भी भारी नुकसान हुआ है।

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