खरीद न होने के बावजूद मंडियों में दिनभर आता रहा गेहूं, 42 फीसद ही हुआ उठान
सरकार ने शनिवार व रविवार को अनाज मंडियों में गेहूं की ख
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
सरकार ने शनिवार व रविवार को अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद न करने का निर्णय लिया था। इसके बावजूद शनिवार को मंडियों में गेहूं की ट्रालियों का दिनभर आना-जाना लगा रहा। हालांकि गेहूं की खरीद तो नहीं हुई लेकिन मंडियां अनाज से अट गई। जिससे अनाज मंडियों की व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया। सरकार ने खरीद को इसलिए बंद किया था ताकि मंडियों में पड़े गेहूं को उठाया जा सके। दो दिन बाद जब किसान मंडियों में आए तो उन्हें गेहूं सुखाने के लिए मंडी में पर्याप्त जगह मिल जाए। परंतु मंडियों में दिनभर गेहूं से भरे वाहनों का आना लगा रहा। बिना गेट पास के एंट्री होते रहे वाहन
जिन किसानों के पास गेहूं बेचने का मैसेज आता है उन्हें ही मंडी गेट पर गेट पास दिया जाता है। परंतु शनिवार को जितने भी वाहन मंडियों में आए सभी बिना गेट पास के ही अंदर जाते दिखे। गेट पास देने या फिर मंडी में आने वाले वाहनों को रोकने के लिए मौके पर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। बिना गेट पास वाहनों की मंडियों में एंट्री व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। सरकार ने दो दिन खरीद नहीं करने के आदेश क्या जारी किए, जिम्मेदार अधिकारी बेफिक्र हो गए। पूरे दिन में कितने वाहन मंडी में आए इसका रिकार्ड कैसे रखा जाएगा। 42 फीसद गेहूं का ही हुआ उठान
13 अनाज मंडियों में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हैफेड व हरियाणा वेयर हाउस की तरफ से गेहूं की खरीद की जा रही है। 16 अप्रैल की शाम तक मंडियों में 185377 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका था। सबसे ज्यादा गेहूं सरस्वती नगर अनाज मंडी में 32818 एमटी खरीदा गया है। इसके बाद प्रतापनगर अनाज मंडी में 30601 एमटी, जगाधरी मंडी में 25268 एमटी गेहूं खरीदा गया है। सबसे कम गेहूं अभी तक 437 एमटी यमुनानगर अनाज मंडी में खरीदा गया है, क्योंकि यह मंडी बहुत छोटी है। कम किसान ही इस मंडी से जुड़े हुए हुए हैं। 185377 एमटी में से प्रशासन 42 फीसद यानि 78139 एमटी गेहूं का ही उठान कर पाया है। रणजीतपुर अनाज मंडी जिसमें गत सप्ताह आग लग गई थी इसमें 6261 एमटी गेहूं खरीदा जा चुका है। परंतु यहां से केवल 29.05 एमटी गेहूं का ही उठान हुआ है। सबसे ज्यादा बुरा हाल प्रतापनगर मंडी का है। जहां 30601 एमटी में से केवल 29.69 फीसद गेहूं ही उठाया जा सका है। बूंदाबांदी से भीगा गेहूं
शनिवार दोपहर को मौसम में अचानक आए बदलाव से बूंदाबांदी होने लगी। जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई। मंडियों में खुले में रखा व बिकने के लिए आया गेहूं भीग गया। मजदूरों ने तिरपाल ढाल कर गेहूं को भीगने से बचाने की कोशिश की। बूंदाबांदी ज्यादा नहीं हुई जिस कारण नुकसान न के बराबर हुआ। बूंदाबांदी रूकने के बाद गेहूं का फिर से उठान शुरू किया गया। हालांकि मौसम विभाग ने 20 अप्रैल तक मौसम खराब रहने की संभावना जताई है।