टेंडर प्रक्रिया थमने से विरोध में उतरे पार्षद, कमिश्नर से मिले

नियमित हुई कालोनियों में टेंडर प्रक्रिया रुकने से पार्षदों में रोष है। सत्ता पक्ष के आधा दर्जन पार्षद सोमवार को कमिश्नर अजय सिंह तोमर व मेयर मदन चौहान से मिले। उनको अवगत कराया कि लंबे समय के बाद नियमित हुई कालोनियों में विकास कार्यों के लिए टेंडर लगे हैं। अब प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। इन टेंडरों के रद किए जाने का भी अंदेशा है। उन्होंने निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 05:31 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 05:31 PM (IST)
टेंडर प्रक्रिया थमने से विरोध में उतरे पार्षद, कमिश्नर से मिले
टेंडर प्रक्रिया थमने से विरोध में उतरे पार्षद, कमिश्नर से मिले

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

नियमित हुई कालोनियों में टेंडर प्रक्रिया रुकने से पार्षदों में रोष है। सत्ता पक्ष के आधा दर्जन पार्षद सोमवार को कमिश्नर अजय सिंह तोमर व मेयर मदन चौहान से मिले। उनको अवगत कराया कि लंबे समय के बाद नियमित हुई कालोनियों में विकास कार्यों के लिए टेंडर लगे हैं। अब प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। इन टेंडरों के रद किए जाने का भी अंदेशा है। उन्होंने निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। साथ ही टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी किए जाने की मांग की है। दैनिक जागरण ने 29 अक्टूबर के अंक में टेंडर प्रक्रिया थमने से संबंधित समाचार को प्राथमिकता से प्रकाशित किया था। यह है मामला

वार्ड 22 से पार्षद प्रतिनिधि अनिल कांबोज, वार्ड नंबर 12 से पार्षद संजीव कुमार, वार्ड एक से संजय राणा व वार्ड 11 से संकेत कुमार का कहना है कि वर्ष-2018 में सीएम मनोहर लाल ने यमुनानगर-जगाधरी की 69 कालोनियों को नियमित किया था। इन कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं न होने के कारण यह निर्णय लिया गया था। इन कालोनियों में सड़कें कच्ची पड़ी हैं। बारिश के दिनों में घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। कालोनीवासी लगातार इनमें सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। इन कालोनियों में सड़कों के निर्माण के लिए गत माह टेंडर लगाए गए। लेकिन लंबा समय बीत जाने के बावजूद टेंडर नहीं खोले जा रहे हैं। चर्चा इनको रद किए जाने की भी है। पार्षदों का कहना है कि इन कालोनियों में विकास कार्यों के लिए लगे टेंडरों की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए। सीएम व विधायक से मिलने की योजना

पार्षदों का कहना है कि ये कालोनियां लंबे समय से विकास कार्यों से महरूम हैं। जिसके चलते इन कालोनियों में रह रहे लोग यहां विकास कार्यों की मांग कर रहे हैं। पार्षदों को उनके सवालों का जवाब देना मुश्किल हो रहा है। उनका कहना है कि करीब दो वर्ष से टेंडर प्रक्रिया चल रही है। अधिकारी आज तक इसको पूरा नहीं कर पाए। यदि जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर कार्य शुरू न किए गए तो इस संबंध में सीएम मनोहर लाल व विधायक घनश्याम दास अरोड़ा से भी मिलेंगे। संपत्ति सर्वे में खामियां जल्द हों दूर

पार्षदों ने संपत्तियों के सर्वे में सामने आई खामियों को भी जल्द दूर किए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि सर्वे के बाद शहरवासियों को असेसमेंट नोटिस भेजे गए। लेकिन इनमें भारी खामियां हैं। इनको देखकर नहीं लगता कि डोर टू डोर सर्वे हुआ है। सर्वे में घोर लापरवाही बरती गई। इस मामले की जांच होनी चाहिए। संबंधित एजेंसी को निर्देश दिए जाएं कि शहरवासियों की आपत्तियों को जल्द दूर किया जाए। इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था की जाए।

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