16 करोड़ की सड़क में भ्रष्टाचार की दरार, गुणवत्ता पर सवाल

16 करोड़ की लागत से तैयार रादौर-जठलाना मार्ग धंसना शुरू हो गया है। त्रिवेणी चौक के पास नव निर्मित सड़क में आई दरारों के कारण गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। इसके अलावा 10 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर और कई जगह हल्की दरारें देखी जा सकती हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि पहली बारिश में ही यह हाल तो भविष्य में स्थिति क्या होगी। हालांकि इस सड़क के निर्माण में कोताही बरते जाने के आरोप पहले भी लग चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 06:32 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 06:32 AM (IST)
16 करोड़ की सड़क में भ्रष्टाचार की दरार, गुणवत्ता पर सवाल
16 करोड़ की सड़क में भ्रष्टाचार की दरार, गुणवत्ता पर सवाल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

16 करोड़ की लागत से तैयार रादौर-जठलाना मार्ग धंसना शुरू हो गया है। त्रिवेणी चौक के पास नव निर्मित सड़क में आई दरारों के कारण गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। इसके अलावा 10 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर और कई जगह हल्की दरारें देखी जा सकती हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि पहली बारिश में ही यह हाल तो भविष्य में स्थिति क्या होगी। हालांकि इस सड़क के निर्माण में कोताही बरते जाने के आरोप पहले भी लग चुके हैं। इनसेट

इसलिए लिया था कंकरीट की सड़क का निर्णय

यमुना के गुमथला, पौबारी व जठलाना सहित क्षेत्र के अन्य घाटों पर हो रहे खनन के कारण के कारण हरियाणा के कई जिलों सहित पंजाब व दिल्ली से भी वाहन पहुंचते हैं। अधिकांश वाहन इस सड़क से होकर ही गंतव्य की ओर जाते हैं। रेत से भरे इन वाहनों से पानी टपकता हुआ जाता है। इसलिए इस सड़क को तारकोल न बनाकर कंकरीट की बनाने का निर्णय लिया। पीड्ब्ल्यूडी अधिकारी 10 साल की गारंटी होने की बात कह रहे हैं। लेकिन अभी तो सड़क की बरम भी बनकर तैयार नहीं हुई है। सड़क पहले से ही धंसनी शुरू हो गई। मानसून सीजन होने के कारण इन दिनों रेत से भरे वाहनों की संख्या भी कम है। आगामी दिनों में ऐसे वाहनों की संख्या बढ़ेगी।

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बिजली के पोल भी नहीं हटाए

रेत से लदे वाहन दिनरात दौड़ रहे हैं, लेकिन साइडों से आज तक न बिजली के पोल हटाए गए और न ही पेड़ों की कटाई हो पाई है। अधिकारी एक दूसरे विभाग की जिम्मेदारी बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन खामियाजा वाहन चालक भुगत रहे हैं। शायद ही कोई दिन बीत रहा है जिस दिन कोई न कोई वाहन चालक बिजली के पोल या फिर पेड़ से न टकराता हो। पीड्ब्ल्यूडी अधिकारियों की मानें तो वन विभाग को एक करोड़ 33 लाख रुपये जमा करवा दिए गए हैं। पीड्ब्ल्यूडी अधिकारियों के मुताबिक यह पैसा जमा कराए एक माह से अधिक समय बीत चुका है। बावजूद इसके पेड़ों को काटने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई।

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पोलों की दोनों ओर बना दी सड़क

सड़क निर्माण में ठेकेदार ने नियमों को ही ताक पर रख दिया। हालात ये हैं कि बिजली के पोल हटवाए जाने की बजाय दोनों ओर ही सड़क निर्माण का काम पूरा कर दिया गया है। रादौर के त्रिवेणी चौकसे लेकर नहर के पुल तक कई पोल सड़क के बीचोंबीच आ गए। अधिकारियों के मुताबिक बिजली के यह पोल पीड्ब्ल्यूडी की इलेक्ट्रीसिटी विग ही हटाएगी। बावजूद इसके इन पोलों को नहीं हटाया जा रहा है। नाचरौन में आइटीआइ बनकर तैयार हो चुकी है। आगामी दिनों में शिक्षण संस्थान खुल जाने के बाद वाहनों की संख्या और भी बढ़ जाएगी। वाहनों के बढ़ने के साथ चालकों की परेशानी बढ़ना भी तय है।

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जांच होनी चाहिए

हरियाणा एंटी करप्शन सोसाइटी के अध्यक्ष एडवोकेट वरयाम सिंह, रमेश कुमार, सुभाष चंद व संजीव कुमार का कहना है कि कई जगह सड़क में दरारें देखी जाने लगी हैं। सड़क कंकरीट की होने के कारण पैचवर्क करना भी मुश्किल काम है। इसलिए इस सड़क को मजबूती के साथ बनाया जाना चाहिए था। लेकिन इसके निर्माण में कोताही बरती गई है। दूसरा, बरम भी आधी-अधूरी पड़ी हैं। साथ लगते गांवों में प्रवेश करना मुश्किल हो रहा है। उच्चाधिकारियों द्वारा इस सड़क की जांच होनी चाहिए। इनसेट

सड़क के निर्माण के दौरान मजबूती का पूरा ख्याल रखा गया है। हो सकता है, कहीं हल्की दरार आ गई हो। इसकी जांच करवाकर दुरुस्त करवा दिया जाएगा। पेड़ों की कटाई के लिए वन विभाग को एक करोड़ 35 लाख रुपये जमा करवाए जा चुके हैं। उम्मीद है जल्दी ही पेड़ों को काटे जाने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। बिजली के पोल पीड्ब्ल्यूडी की इलेक्ट्रीसिटी विग द्वारा की कटवाए जाएंगे।

राजकुमार, एक्सईएन, पीड्ब्ल्यूडी।

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