हर वार्ड में निगम की जमीन, कार्यालय के लिए साइट तय नहीं कर पाए अधिकारी

हर वार्ड में जमीन होने के बावजूद नगर निगम कार्यालय के भवन के लिए साइट नहीं मिल पा रही है। हालांकि अधिकारी कई जगह दौरा कर चुके हैं लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई। शहरवासियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। क्योंकि अलग-अलग तीन जगह निगम कार्यालय चल रहे हैं। कार्यालय के नए भवन के लिए तीन साल से कार्रवाई चल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 10:00 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 10:00 PM (IST)
हर वार्ड में निगम की जमीन, कार्यालय के लिए साइट तय नहीं कर पाए अधिकारी
हर वार्ड में निगम की जमीन, कार्यालय के लिए साइट तय नहीं कर पाए अधिकारी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

हर वार्ड में जमीन होने के बावजूद नगर निगम कार्यालय के भवन के लिए साइट नहीं मिल पा रही है। हालांकि अधिकारी कई जगह दौरा कर चुके हैं, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई। शहरवासियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। क्योंकि अलग-अलग तीन जगह निगम कार्यालय चल रहे हैं। कार्यालय के नए भवन के लिए तीन साल से कार्रवाई चल रही है। गोविदपुरा गांव में जगह चिन्हित होने के बाद मार्च-2018 में 28 करोड़ का पहला टेंडर लगाया गया था। भवन निर्माण के लिए एक सितंबर-2018 को सीएम मनोहर लाल ने शिलान्यास किया था। लेकिन जमीन पर भवन निर्माण का मामला कोर्ट में चला गया। जिसके कारण अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया।

तालाब होने के कारण फंसा पेंच

दरअसल, नगर निगम कार्यालय के इस भवन के लिए गोविदपुरा गांव में चार एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। यहां करीब तीन एकड़ में तालाब है। पोंड अथोरिटी ने भी तालाब की जगह में कार्यालय बनाने पर आपत्ति जताई। यह तय हुआ कि यदि तालाब के लिए दूसरी जगह दे दी जाए तो विचार किया जा सकता है। गत माह पोंड अथारिटी की टीम ने दौरा भी किया था। जमीन का निरीक्षण भी किया, लेकिन बात नहीं बनी।

गधौली में भी कर चुके निरीक्षण

नगर निगम कार्यालय बनाने के लिए मेयर मदन चौहान व निगम अधिकारियों की टीम ने गत माह गधौली एरिया में खाली पड़ी जमीन का निरीक्षण किया था। यहां पर नगर निगम की लगभग साढ़े चार एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई है। सीएम मनोहर लाल ने निगम का नया भवन बनवाने की घोषणा की थी। जिसके बाद नगर निगम का नया भवन बनाने के लिए पंचायत भवन के पीछे खाली पड़ी जमीन को प्रस्तावित किया गया। वहां भवन बनाने के लिए नगर निगम की ओर से 28.28 करोड़ रुपये का टेंडर भी लगाया था। उसके बाद नए भवन के लिए दूसरी जगह जमीन की तलाश की जा रही है। दोनों शहरों का संयुक्त कार्यालय बनेगा

दोनों शहरों का संयुक्त कार्यालय बनाया जाना है। मेयर मदन चौहान का कहना है कि शहरवासियों को कोई दिक्कत न हो, इसलिए दोनों शहर के बीच में कार्यालय बनाए जाने के लिए जगह का चयन किया जाना है। जमीन ऐसी जगह देखी जा रही है, जो दोनों शहर जगाधरी व यमुनानगर के निवासी सुगमता से आ जा सके। इसी के चलते गधौली एरिया में खाली पड़ी लगभग साढ़े चार एकड़ का मुआयना किया था। यह आ रही दिक्कत

नगर निगम का मौजूदा कार्यालय जर्जर हो चुका है और यहां पार्किग की भी बड़ी समस्या है। 1966-67 तक कमेटी कार्यालय रादौर रोड पर था। बाद में जगाधरी रोड पर भवन बनने के बाद यहां शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन समय की करवट के साथ भवन पुराना होता गया। इसके अलावा दूसरा कार्यालय कन्हैया साहिब चौक व तीसरा जगाधरी में चल रहा है। अलग-अलग कार्यों के लिए शहरवासी एक कार्यालय से दूसरे के चक्कर लगा रहे हैं।

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